लखनऊ:बीएसपी प्रमुख मायावती के खिलाफ आपत्तिजनक बयान देने के बाद बीजेपी विधायक साधना सिंह ने खेद जताया। साधना सिंह ने कहा कि मेरी मंशा सिर्फ यही थी कि 2 जून 1995 में गेस्ट हाउस कांड में बीजेपी ने मायावती जी की मदद की थी, उसे सिर्फ याद दिलाना था न कि उनका अपमान करना था। उन्होंने कहा कि किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का उद्देश्य नहीं था। मेरे शब्दों से किसी को दुख हुआ है तो मैं उसके लिए खेद प्रकट करती हूं। वहीं दूसरी ओर चंदौली में भाजपा विधायक साधना सिंह के खिलाफ बसपा के आजमगढ़ और वाराणसी के जोनल हेड रामचंद्र गौतम ने मामला दर्ज कराया है।
गौरतलब है कि मुगलसराय की विधायक साधना सिंह ने शनिवार को भाषण के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा प्रमुख मायावती पर निशाना साधा। उन्होंने बसपा प्रमुख को गेस्ट हाउस कांड की याद दिलाते हुए कहा कि उन्होंने सत्ता के लिए चीरहरण करने वालों के साथ हाथ मिला लिया। साधना सिंह ने गेस्ट हाउस कांड का जिक्र करते हुए कहा, ‘जिस महिला का इतना बड़ा चीरहरण हो, वह सत्ता के लिए आगे नहीं आती है। इनका सबकुछ लुट गया लेकिन फिर भी इन्होंने कुर्सी के लिए अपमान पी लिया।’ साधना सिंह ने मायावती के बारे में कहा कि वह ना तो महिला लगती हैं और ना ही पुरुष लगती हैं। साधना सिंह यहीं नहीं रुकीं, उन्होंने यह भी कहा कि ऐसी महिला तो किन्नरों से भी बदतर हैं।
बयान की निंदा
साधना सिंह के बयान के बाद बसपा महासचिव सतीश चंद्र मिश्र ने भी कहा कि भाजपा विधायक ने बसपा मुखिया मायावती के लिए जिस तरह के शब्द इस्तेमाल किए हैं, वह भाजपा के स्तर को दिखाता है। सपा-बसपा गठबंधन की घोषणा के बाद से ही बीजेपी नेताओं का मानसिक संतुलन बिगड़ गया है। उन्हें आगरा और बरेली के अस्पतालों में भर्ती कराने की जरूरत है। ऐसे नेताओं को पागलखाने भेज देना चाहिए। सपा सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बीजेपी विधायक की इस टिप्पणी की निंदा करते हुए कहा कि बीजेपी विधायक ने जिस तरह के आपत्तिजनक अपशब्द मायावती जी के लिए प्रयोग किए हैं वे घोर निंदनीय हैं ये बीजेपी के नैतिक दिवालियापन और हताशा का प्रतीक है। ये देश की महिलाओं का भी अपमान है।