फर्रुखाबाद: सूबे की प्रमुख चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सचिव नीता चौधरी की जबरदस्त जांच-पड़ताल से लोहिया अस्पताल की पोल खुल गई| उन्होंने सीएमओ व सीएमएस को बुरी तरह हड्काकर दोषी व लापरवाह डाक्टर व कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाई किये जाने की चेतावनी दी|
जब स्वास्थ्य सचिव नीता चौधरी ने इमरजेंसी कक्ष से बारीकी ढंग से जांच-पड़ताल शुरू की तो डाक्टर सहित कर्मचारियों के होश उड़ गए| कक्ष में गंदगी व अन कम्प्लीट इमरजेंसी ट्रे आदि व्यवस्थायें देख जिस तरह नाराजगी व्यक्त करते हुए अव्यवस्थाएं दर्ज कराईं उसे देखकर कर्मचारियों के हलक सूख चेहरों पर मायूसी छा गई| उन्होंने पूरे अस्पताल के तीनों मंजिलों पर बने लगभग सभी बार्ड आदि कक्षों का बारीकी से निरीक्षण किया|
चमचमाती चादर को जब हटाया तो नीचे फटा पुराना गद्दा तथा खाली फ्रिज को देखकर डाक्टरों से पूंछा कि यह क्या है? ऐसे गन्दगी नहीं छिपाई जाती है और जब दवाईयां फ्रिज में क्यों नहीं रखी जाती|
मरीजों से शिकायत मिलने पर महिला अस्पताल की फिजीशियन डॉ अदिति श्रीवास्तव की जमकर क्लास ली| तथा डाक्टरों को नसीहत दी कि मरीज डाक्टर को भगवान् समझता है लेकिन आप लोग गरीबों का इलाज करने से बचते हैं रुपये लेकर इलाज करते और बाहर से दवाईयां लिखते| यदि गरीबों को परिवारीजन समझकर उसका बढ़िया इलाज करोगे तो वह दुआएं देंगें|
स्वास्थ्य सचिव चौधरी ने सुरक्षा ड्यूटी में लगे दरोगा नरेन्द्र व सिपाहियों से पूरे अस्पताल में खाली पड़े बार्डों की गिनती करवाई तो कर्मचारियों ने बताया कि अस्पताल में ९५ बेड खाली हैं| स्वास्थ्य सचिव ने पत्रकारों को बताया कि अस्पताल की हालत बिल्कुल खराब है| डाक्टर काम नहीं करते खासकर बालरोग विशेषज्ञ|
NIC में मात्र दो बच्चे भर्ती मिले जबकि मेट्रन सहित दो का स्टाफ तैनात है| सर्जरी कार्य न किये जाने से बार्ड बंद हैं| उन्होंने लापरवाह व दोषी कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाई किये जाने का वायदा किया| इस दौरान सीएमओ डॉ पीके पोरवाल, डॉ एमके रस्तोगी आदि डाक्टर मौजूद रहे|