शर्मनाक: नौनिहालों के हिस्से में भी कमीशनबाजी!

Corruption FARRUKHABAD NEWS

फर्रुखाबाद: केंद्र और राज्य सरकार भले ही देश के भविष्य नन्हे मुन्ने बच्चो की शिक्षा और विकास के लिए अरबो खरबों फूक देने का दावा करे मगर निचले स्तर पर पहुचते पहुचते इसका बड़ा हिस्सा बीच के पालनहारो में ही बट जाता है| फर्रुखाबाद जिले में नौनिहालों के लिए खरीदी जा रही पुस्तके नियम विरुद्ध खरीदी बेचीं जा रही है| सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गैर स्वीकृत प्रकाशको से भारी कमीशन लेकर मेले लगवा दिए गए है और खरीद चालू हो गयी है|

वर्तमान में उत्तर प्रदेश के परिषदीय (सरकारी) स्कूलों में बच्चो के ज्ञान वर्धन और समेकित शिक्षा के लिए लाइबरेरी की स्थापना हेतु विभिन्न पुस्तको की खरीद हेतु करोडो रुपये की रकम सत्र के अंतिम समय भेजी गयी है| सरकार की नौनिहालों की शिक्षा के प्रति संजीदगी और सजगता का आलम ये है कि मार्च/अप्रैल माह में वार्षिक परीक्षा शुरू हो जाएगी और अब किताबे खरीदने के लिए फंड जारी किया गया| मगर इससे भी चौकाने वाली बात ये है कि इन पुस्तको की खरीद ग्राम शिक्षा समितियो को करनी है और सरकार के द्वारा जारी सूची के अनुसार मेला लगाकर उत्कृष्ट प्रकाशको की पुस्तको को ही खरीदा जाना है| इस योजना के तहत प्राइमरी स्कूलों में ३०००/- और जूनियर स्कूलों में १००००/- प्रति स्कूल के हिसाब से किताबे खरीदी जानी है| किताबो की खरीद ग्राम शिक्षा समिति करेगी और भुगतान भी उन्हें ही करना है| मगर इस बीच खेल ये है की इन किताबो की खरीद बिक्री के लिए ब्लाक स्तर पर मेले लगने हैं| और मेले में ही अध्यापक और ग्राम शिक्षा समिति के अध्यक्ष इन किताबो को खरीदेंगे| अब जब माल ही दुकान पर घटिया होगा तो बेचारे ग्राम शिक्षा समिति वाही खरीदेंगे|

इस सम्बन्ध में कमीशन बाजी के बन्दरबाट में गिद्ध नजर लगाये सरकारी नौकरों के बीच हिस्सेदारी को लेकर उठे विवाद के चलते मामला प्रकाश में आ गया| समेकित शिक्षा के समन्वयक सुनील आर्य ने जे एन आई से बाट करते हुए स्वीकार किया कि उनकी जानकारी में ये मामला आया है जिसे अधिकारिओ को संज्ञान में ला दिया जायेगा| श्री आर्या ने बताया कि कुछ सहायक बीएसए अधिक कमीशन की मांग के चलते काम में रोड़ा अटका रहे है वैसे सब कुछ ठीक चल रहा है| वैसे मेले लगाने वाला दुकानदार दस प्रतिशत कमीशन देने को राजी था|

खुद दुकानदार खोल रहा पोल

दूसरी ओर ब्लाक बढ़पुर के स्कूलों के लिए बीएसए दफ्तर के कैम्पस में दुकान लगाये दुकानदार सुनील यादव ने बताया कि वो जेवियर पब्लिकेशन दिल्ली, तीस ज्ञान फाउन्देशन दिल्ली और प्रथम पब्लिकेशन की किताबे बेच रहा है| सनद रहे कि सरकार की ओर से जो आदेश जारी किया गया है उसके मुताबिक नेशनल बुक ट्रस्ट- दिल्ली , सेंट्रल बुक ट्रस्ट दिल्ली और गीता प्रेस गोरखपुर की पुस्तके खरीदी जानी है|

अब गैर मानको और नियम विरुद्ध विरुद्ध किताबो का मेला बेसिक शिक्षा अधिकारी के कार्यालय के प्रांगन में लगा हो और किसी को कानो कान जानकारी न हो ये बाट कुछ हजम करने लायक तो नहीं दिखती| कुछ भी हो बच्चो के हिस्से में से माल खाकर रहीस होना किसी बेशर्मी से कम तो नहीं|