फर्रुखाबाद: छायावादी युग के साहित्य सम्राट जय शंकर प्रसाद की पुण्यतिथि पर उन्हें याद किया गया| इस दौरान साहित्य सेवको ने प्रसाद जी की चित्र पर पुष्प अर्पित किये ।
गुरुवार को छायावादी युग मे जन्मे जय प्रसाद की पुण्यतिथि पर साहित्यिक संस्था अंतरंग एक प्रयास के द्वारा शहर के कूचा भवानी दास में प्रमोद दीक्षित के आवास पर एक काव्य एवं विचार गोष्ठी का आयोजन किया| जिसमे मुख्य अतिथि के रूप में पंहुचे लोक अधिकार मंच के जिलाध्यक्ष डॉ० अरविंद ने श्री प्रसाद के चित्र पर पुष्प अर्पित किये।उन्होंने कहा की हम सभी को हमारी मातृ भाषा हिंदी का सम्मान करने की जरूरत है| जब हिंदी का सम्मान से ही हमारा सम्मान है| अध्यक्षता कर रहे डॉ० रामकृष्ण राजपूत ने कहा कि छायावाद में महत्वपूर्ण स्थान रखने वाले महान कवि जय शंकर प्रसाद न केवल कामायनी जैसी शशक्त महाकव्य के लिये जाने जाते है वल्कि कई ऐतिहासिक उपन्यासो के लिये जाने भी जाने जाते है| भारती मिश्रा ने कहा प्रसाद जी का परिवार सुगनी परिवार के नाम से प्रसिद्ध था इनके घर मे तम्बाकू का व्यापार हुआ करता था। प्रसाद जी का जन्म बर्ष 1889 में 30 जनवरी को काशी में हुआ था आज ही के दिन बर्ष 1937 में 15 नबम्बर को इनकी मृत्यु हो गई थी ।
कार्यक्रम का संचालन गीता भारद्वाज ने किया इस दौरान कौशल कठेरिया ,उपकार मणि, निमिष टण्डन, शुभाषिश पाल, स्मृति अग्नहोत्री आदि ने काव्य पाठ किया