लखनऊ:समाजवादी पार्टी के सरंक्षक मुलायम सिंह यादव के छोटे पुत्र प्रतीक यादव के लखनऊ में आज गृह प्रवेश पर एक बार फिर समाजवादी पार्टी का सबसे बड़ा कुनबा एकत्र हुआ, हालांकि इसमें शिवपाल सिंह यादव शामिल नहीं थे। लखनऊ के अमर शहीद पक्ष पर अंसल एपीआइ में अपर्णा यादव के गृह प्रवेश के दौरान प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के संयोजक शिवपाल सिंह यादव के आगमन की सूचना पर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव वहां से चले गए।
नवरात्र के बाद अब मांगलिक कार्य ने जोर पकड़ लिया है। इसी क्रम में आज मुलायम सिंह यादव के छोटे पुत्र प्रतीक यादव ने अंसल एपीआइ में अपने नए घर में प्रवेश किया। इस दौरान मुलायम सिंह यादव के साथ उनकी पत्नी साधना, अखिलेश यादव, डिंपल यादव भी मौजूद थे। प्रतीक यादव ने अपर्णा यादव से साथ पूजा की। अपर्णा और उनके पति प्रतीक यादव ने पूजा अर्चना की। इस दौरान हवन के समय डिम्पल भी उनके साथ हवन करती रहीं। पूजा खत्म होने के बाद डिंपल यादव वहां कार्यकर्ताओं से मिली। इसके बाद समाजवादी पार्टी के सबसे बड़े परिवार के लोगों ने ग्रुप फोटो भी खिचवाई।
प्रतीक तथा अपर्णा के गृह प्रवेश में उनकी भाभी डिंपल भी अखिलेश यादव के साथ पहुंची। पिंक साड़ी में डिम्पल यादव की मौजूदगी सभी को बहुत भा रही थी। इसी दौरान चाचा शिवपाल सिंह यादव के इस कार्यक्रम में पहुंचने की सूचना आ गई। यह सूचना मिलते ही अखिलेश यादव वहां से चले गए। शिवपाल ने भी वहां पर सभी को आशीर्वाद दिया। इस दौरान वह मुलायम सिंह यादव के साथ काफी देर तक थे।इससे पहले शिवपाल यादव ने भी गृह प्रवेश किया था। शिवपाल सिंह यादव को बसपा मुखिया मायावती का खाली बंगला आवंटित हुआ था। जहां पर शिवपाल सिंह यादव अपना ऑफिस बनाया है।
मुलायम के दांव से सभी परेशान
मुलायम सिंह यादव के सियासी दांव से सभी लोग हैरान हैं। कभी अखिलेश के साथ उनके कार्यक्रम में होते हैं, तो कभी अपने भाई शिवपाल के कार्यक्रम में पहुंच जाते हैं। जिसको देखकर लोग अंदाजा नहीं लगा पाते की आखिर मुलायम हैं किसकी तरफ। इससे समाजवादी पार्टी की मुश्किलें भी बढ़ गयी हैं।
शिवपाल की पार्टी से चुनाव लड़ेंगी अपर्णा यादव
मुलायम यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव ने साफ कहा कि अगर उनको अखिलेश यादव या शिवपाल सिंह यादव में से किसी एक को चुनने का अवसर मिलेगा तो वह चाचा शिवपाल सिंह यादव के साथ रहेंगी। अपर्णा यादव ने स्वीकार किया कि 2019 के लोकसभा चुनाव में शिवपाल सिंह यादव के समाजवादी पार्टी से अलग होने से बड़ा असर पड़ेगा। अगर उन्हें चुनाव लडऩे का मौका मिला तो अखिलेश या शिवपाल में से वह अपने चाचा शिवपाल और नेता जी मुलायम सिंह यादव को चुनेंगी।