फर्रुखाबाद:करवाचौथ की पूर्व संध्या पर इमरती और रबड़ी के साथ-साथ मिठाई खाने की परंपरा वर्षो पुरानी है। शायद यही कारण है कि इमरती और मिठाई की दुकानों पर शाम से भीड़ उमड़ना शुरू हो गई और यह क्रम देर रात तक चलता रहा।
आमतौर पर करवा चौथ का व्रत निर्जला होता है। चांद देखने के बाद पूजन आदि करने के साथ ही अपने पति का आशीर्वाद लेकर महिलाएं व्रत तोड़ती हैं। निर्जला व्रत के दौरान गला ज्यादा न सूखे और पानी पीने का मन न करे इसलिए एक दिन पहले सोने से पूर्व ही व्रत रखने वाली महिलाएं मिठाई खाती हैं। सबसे अधिक इमरती और रबड़ी खाई जाती है। इसके चलते शहर में स्थित मिठाई की बड़ी-बड़ी दुकानों पर इमरती बनाने के लिए विशेष प्रबंध किए जाते हैं। इतना ही नहीं करवा चौथ की पूर्व संध्या पर इमरती और रबड़ी के भाव भी चढ़ जाते हैं। नगर के बढ़पुर स्थित अनोखे लाल मिष्ठान भंडार के संचालक राजेश गुप्ता ने बताया की उनकी दुकान पर देशी घी से निर्मित इमरती 240 रूपये किलो और रबड़ी भी 240 रूपये किलो बिक रही है|
मिठाई की दुकानों पर इमरती और रबड़ी के साथ-साथ अन्य मिठाईयों को खरीदने के लिए भी लोगों की भारी भीड़ दिखाई दी।