फर्रुखाबाद:नवरात्र के पहले दिन घरों में घट स्थापना के साथ ही मंदिरों में भी श्रद्धालुओं की खासी चहल-पहल रही। श्रद्धालुओं ने प्रथम दिन मां दुर्गा के पहले स्वरूप शैल पुत्री की पूरे विधि-विधान से पूजा-अर्चना की और उपवास भी रखे गए। शहर के माता मंदिर शीतला माता, मठिया देवी मन्दिर, गुरुगाँव देवी मन्दिर, भोलेपुर का वैष्णो देवी मन्दिर,फतेहगढ का गमादेवी मन्दिर सहित शहर और गांव के छोटे-बड़े माता मंदिरों में श्रद्धालुओं ने मां दुर्गा की महिमा का गुणगान भी किया। इसके साथ ही मंदिरों में काफी भीड़ रही|
पर्वतराज हिमालय की पुत्री थीं मां
पहले दिन मां के रूप शैलपुत्री की पूजा की जाती है। कहा जाता है कि पर्वतराज हिमालय के घर पुत्री के रूप में जन्म लेने के कारण मां का नाम शैल पुत्री पड़ा। शैल पुत्री नंदी नाम के वृषभ पर सवार होती हैं और इनके दाहिने हाथ में त्रिशूल और बाएं हाथ में कमल का पुष्प है। पहले दिन स्नान-ध्यान करके कलश स्थापना के साथ मां के इस रूप की पूजा की जाती है।
बाजारों में दिखी खरीदारों की भीड़
नवरात्र के प्रथम दिन शहर की सड़कों पर फलों की दुकानों पर लोगों की भीड़ तो जुटी, लेकिन महंगाई के चलते खरीदारी की मात्रा कम रही। वहीं पूजन सामग्री व अन्य फलाहारों के लिए लोग किराना दुकानों के चक्कर लगाते दिखे।
आदिशक्ति की अराधना का यह पर्व घर-घर मनाया जाता है। अधिकांश लोग नौ दिन का व्रत भी रखते हैं। आखिरी दिन हवन पूजन के बाद पारण करते हैं। इस दौरान फलाहार की खपत बढ़ जाती है, जिसका लाभ व्यवसाई लेते हैं। महंगाई के बावजूद कल तक फलों की कीमतें लोगों की पहुंच में थी। वही नवरात्र के चलते अब फलाहार पर महंगाई की मार बढ़ गई है। इसके बावजूद आस्था में डूबे लोगों ने जेब का ख्याल रखते हुए खरीदारी की।