इलाहाबाद|| आधुनिक भारत की छवि में गांव के हाइटेक डाकिये भी चार-चांद लगाएंगे। डाक विभाग की हाइटेक तस्वीर में सभी ब्लॉक मुख्यालय जिला मुख्यालय से और सभी जिला मुख्यालय, मुख्यालय से कंप्यूटर नेटवर्क के माध्यम से अगले तीन माह में जुड़ेंगे।
इसी क्रम में गांवों के डाकियों को भी हाइटेक बनाने की तैयारी है। इस दिशा में हाल ही में लखनऊ मंडल के 20 गांव में पायलट प्रोजेक्ट के तहत डाकियों को प्रशिक्षित किया गया। उन्हें कंप्यूटर उपकरण दिए गए और देखा गया कि वे इसे कैसे संचालित करते हैं। उन्होंने बखूबी उपकरणों को संचालन किया।
उप्र परिमंडल के चीफ पोस्ट मास्टर जनरल कर्नल कमलेश चंद्र ने बताया कि विभाग हाइटेक होने की दिशा में अग्रसर है। डाकघर भी कंप्यूटरीकृत होने के बाद बैंक की तरह काम करेंगे। इसके लिए जरूरी है कि गांव-गांव में कार्यरत डाकियों व कर्मचारियों को भी प्रशिक्षित किया जाए।
पायलट प्रोजेक्ट के दौरान उन्हें कंप्यूटरीकृत ऐसे उपकरण दिए गए, जिसके माध्यम से वे आसानी से मनी आर्डर, चिट्ठियों का लेखा-जोखा, रजिस्ट्री, योजनाओं की राशि आदि का संचालन कर सकेंगे और उन्होंने उसे बखूबी चलाया। उन्होंने बताया कि योजना अनुसार, कंप्यूटरीकृत उपकरणों के साथ-साथ ‘थंब इंप्रेशन’ मशीन भी लगाएगी जाएगी।
इससे गरीब और ग्रामीण जनता को अत्यधिक लाभ होगा। बिना हेराफेरी के उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ जल्द और आसानी से मिल सकेगा। साथ ही डाक विभाग का प्रत्येक कर्मचारी योजनाओं की जानकारी रख सकेगा।