फर्रुखाबाद, 16 फरवरीः भर्तियों में सेवायोजन कार्यालय को सूचना देने से कतराने वाली निजी संस्थाओं पर कार्रवाई के लिये विधेयक की तैयारी है। निजी कंपनी के मालिकों की शासन स्तर पैठ के चलते अधिकारी कोई कार्रवाई करने से कतराते हैं। तीन महीने में रिक्तियों की सूचना न देने वाली संस्थाओं पर लगाम कसने के लिए प्रेदेश सरकार की कैबिनेट में उन्हें जेल भेजने का प्रस्ताव लाने की तैयारी है।
सरकारी व निजी क्षेत्रों की कंपनियों को अपनी रिक्तियों की सूचना सेवायोजन विभाग को उपलब्ध करानी होती है। ऐसा न करने वाली कंपनियों को नोटिस जारी कर उनके विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराने का भी प्राविधान है। कंपनी के मालिकों की शासन स्तर पैठ के चलते अधिकारी कोई कार्रवाई करने से कतराते हैं। आलम यह है कि अब तक किसी कंपनी के ऊपर कोई मुकदमा तक दर्ज नहीं किया गया। सेवायोजन कार्यालयों में पंजीकृत बेरोजगारों को अधिक से अधिक नौकरी देने के लिए विभाग की ओर से एक्ट में प्राविधान किया गया था। रिक्तियों की अनिवार्य अधिसूचना अधिनियम-1959 के तहत सेवायोजन एवं प्रशिक्षण महानिदेशालय नई दिल्ली की ओर से बनाये गए अधिनियम पर संसद ने भी अपनी मुहर लगा दी है। एक्ट के तहत सूचना न देने वालों पर 500 रुपये जुर्माने का प्रावधान है। तीन महीने में रिक्तियों की सूचना न देने वाली संस्थाओं पर लगाम कसने के लिए प्रेदेश सरकार की कैबिनेट में उन्हें जेल भेजने का प्रस्ताव लाने की तैयारी है।
जिला सेवायोजन अधिकारी एमके पाण्डेय ने बताया कि फिलहाल लगभग 45 हजर बेरोजगार उनके कार्यालय में पंजीकृत है। इनमें हाईस्कूल पास लगभग 5000, इंटर पास 7000 व लगभग 17 हजार स्नातक बेरोजगार पंजीकृत हैं। इनको रोजगार दिलाने के लिये विभाग विभिन्न निजी कंपनियों को एक स्थान पर आमंत्रित कर रोजगार मेलों का आयोजन कर रहा है। ऐसा ही एक मेला 25 फरवरी को कन्नौज में आयोजित किया गया है।