फर्रुखाबाद:(मेरापुर)संकिसा केबल देश में ही नही पूरे विश्व के जाना जाता है| संकिसा में आने बाले बुद्ध अनुआयी यंहा दर्शन के लिये आते है लेकिन जब जाते है तो खस्ताहाल सडकों का मानचित्र अपने जहन में लेकरजाते है| कई सरकारें आयी और गयी लेकिन संकिसा विकास के नाम पर गति नही पकड़ पाया| आज संकिसा में बौद्ध तीर्थ स्थल को आने वाले विदेशी सैलानी गढढा युक्त सड़क से निकलने को मजबूर है|
संकिसा में बौद्ध भिक्षुओ के लिये इस समय संकिसा से कम्पिल जाने वाला मार्ग पर विदेशी सैलानियों का आना जाना लगा रहता है| विदेशो से आने वाले बौद्ध भिक्षु वातानुकूलित बसों से संकिसा आते है जंहा से वह कंपिल भी पंहुचते है| लेकिन संकिसा सराय अगहत मेरापुर होते हुये अचरा से कायमगंज व कम्पिल पंहुचते है| लेकिन उन्हें इस मार्ग से टूटी सड़क से गुजरना पड़ता है| संकिसा से कंपिल केबल डेढ़ घंटे का समय लगता है| जबकि दूरी केबल 36 किमी ही है| सरकार में ऊंचे ओहदे पर बैठे कई जनप्रतिनिधि संकिसा में अपना हस्तक्षेप रखते है उसके बाद भी इस प्रसिद्ध जगह को जाने वाली सड़क खस्ता हाल है| भिक्षु संग तीर्थ, विजय रत्न,आनन्द कीर्ति, कमल रन्न, रतनेश व सोमरत्न ने बताया कि कई बार इस सम्बन्ध में कहा गया लेंकिन अभी तक कार्य नही शुरू हुआ| भिक्षु खस्ता हाल सड़क से ही गुजरने पर मजबूर है|
संकिसा मुक्ति संघर्ष समिति के संयोजक कर्मवीर शाक्य ने जेएनआई को बताया कई बार इस सम्बम्ध में मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य से कहा गया लेल्किन कोई सुनने वाला नही है| एकल मार्ग होने व अवागमन अधिक होने से वह खस्ता हाल हो गया है| लेकिन उसे बनाने के बारे में अभी तक किसी ने नही सोंचा|
(ज्ञानेंद्र सिंह यादव)