लखनऊ:समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा की प्रांतीय कार्यसमिति में 73 प्लस के लक्ष्य पर तंज करते हुए लोक संकल्प पत्र के वादों पर उसे घेरा। पार्टी मुख्यालय में टापर्स को लैपटॉप बांटकर उन्होंने भाजपा के इस वादे पर उसे आईना दिखाया और यह भी कहा, सत्ताधारी पार्टी का गणित ठीक नहीं है। तीन सीटें और भी तो वह हारी है। उसे 70 प्लस की चिंता करना चाहिए। डिफेंस कॉरीडोर व आरक्षण के मसलों पर कहा कि चुनाव देख भाजपा बातें घुमाने लगी है लेकिन लोग नोटबंदी, जीएसटी को नहीं भूले हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश ने सोमवार को पार्टी मुख्यालय में बाराबंकी के 14 और सीतापुर के पांच मेधावी छात्र-छात्राओं को लैपटॉप बांटे। पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा, हम लोग भाजपा की तरह कहानी नहीं बना रहे हैं। अपने शासन में 18 लाख लैपटॉप बांटे थे। अब भी टॉपर्स को इसलिए बांट रहे हैं कि भाजपा को उसका वादा याद आ जाए। भाजपा पर हमलावर होते हुए कहा कि ये सिर्फ वोट लेना जानते हैं। गाय और गंगा के नाम पर भी वोट लिया। गंगा आज तक साफ न हो सकीं और गायें सड़कों पर लावारिस घूम रही हैं।
अखिलेश ने कहा कि हम पर परिवारवाद का आरोप लगाते हैं लेकिन खुद भाजपा परिवारवाद से ग्रस्त है। चुनाव देख मोदी खुद को पिछड़ा कहने लगे हैं लेकिन, पिछड़ों के साथ ही नाइंसाफी हो रही है। यदि वह बैकवर्ड हैैं तो हम उनसे अधिक बैकवर्ड हैं लेकिन, हम काम में फारवर्ड हैं। रायबरेली में एम्स की शुरुआत पर खुशी जताते हुए अखिलेश ने इसका श्रेय भी लिया कि इसके लिए जमीन हमारी सरकार ने मुफ्त उपलब्ध कराई थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर भी निशाना साधा कि जमीन तो हमने गोरखपुर को भी दी थी लेकिन पता नहीं, वहां नक्शा भी पास हुआ कि नहीं।
अखिलेश ने कहा, भाजपा अपनी नाकामी छुपाने के लिए घुसपैठियों का मामला उठा रही है। मैं ममताजी को बधाई देता हूं कि वह लड़ाई लड़ रही हैं। कल को नेपाल में भी ऐसा हो गया तो हमारे कितने लोगों को वापस होना होगा। यह सब वोट का मामला है। महंगाई व नोटबंदी की नाकामी छिपाने के लिए यह सब किया जा रहा है। किसान को जवाब न देना पड़े इसलिए राष्ट्रभक्ति की ओर चले हैं।
एक सवाल पर अखिलेश ने कहा, महागठबंधन बनेगा। कांग्रेस भी चाहती है कि भाजपा हारे। इसका फार्मूला क्या होगा, इस सवाल पर कहा, जो भाजपा का फार्मूला था, वही हमने चोरी कर लिया है। अभी तो हमारी रणनीति की शुरुआत है, देखिए भाजपा की क्या हालत हो गई है। इससे पहले हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे अनुराग भाष्कर ने लोगों को बताया कि अखिलेश के लैपटॉप ने किस तरह उनकी पढ़ाई में मदद की।