फर्रुखाबाद:विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बच्चों में पेट के कीड़े के संक्रमण को एक विश्वव्यापी जन स्वास्थ्य समस्या माना है| इसके चलते जहाँ एक ओर बच्चों का शारीरिक और बौद्धिक विकास बाधित होता है वहीँ दूसरी ओर उनके पोषण और हीमोग्लोबीन स्तर पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है| यूपी में 19 साल तक के 76 प्रतिशत बच्चे कृमि संक्रमण के शिकार है|
डॉ दलवीर सिंह अपर मुख्य चिकित्साधिकारी ने बताया कि शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के एक से 19 साल तक के सभी बच्चों को कृमि संक्रमण से बचाने के लिए 10 अगस्त को पेट के कीड़ों की गोली ;एल्बेंडाजाल.400 मिलीग्रामद्ध खिलायी जाएगी| इस अभियान में यह कोशिश रहेगी कि कोई भी बच्चा यह दवा खाने से छूटने न पाये| यदि कुछ बच्चे छूट जाते हैं तो 17 अगस्त को एक बार पुनः कोशिश करके शत.प्रतिशत बच्चों को दवा खिलाना सुनिश्चित किया जाएगा| कार्यक्रम का क्रियान्वयन स्वास्थ्यए बेसिक.माध्यमिक शिक्षा और बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग के समन्वय से किया जाएगा|
इस कार्यक्रम के संचालन के लिए लक्षित आयु वर्ग के मुताबिक एक से पांच साल तक के सभी पंजीकृत बच्चों और छह से 19 साल तक के स्कूल न जाने वाले सभी बालक.बालिकाओंए ईंट भट्ठों पर काम करने वाले श्रमिकों और घुमन्तू लाभार्थियों को आंगनबाड़ी केंद्र पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के माध्यम से पेट के कीड़े की गोली को खिलाया जाएगा| इसके अलावा छह से 19 साल ;कक्षा.एक से 12द्ध तक के सभी छात्र.छात्राओं को सरकारी सहायता प्राप्त, प्राइवेट स्कूलों,मदरसों,पालिटेकनिक और औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में शिक्षकों के माध्यम से यह दवा खिलायी जाएगी|
दवा की मात्रा रू कक्षा.एक से 12 तक 6 वर्ष से 19 वर्ष के बच्चों को एल्बेंडाजाल.400 मिलीग्राम की एक गोली चबाकर पानी के साथ अध्यापकों के सामने खिलायी जाएगी| आंगनबाड़ी केन्द्रों पर एक से दो साल के बच्चों को एल्बेंडाजाल.400 मिलीग्राम की आधी गोली चूरा करके तथा दो से तीन साल के बच्चों को एक गोली चूराकर पानी के साथ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा खिलायी जाएगी|इसके अलावा चार से पांच साल के बच्चे एक गोली चबाकर पानी के साथ दवा आंगनबाड़ी केन्द्रों और स्कूलों में ही खिलायी जाएगी|घर ले जाने के लिए नहीं दी जाएगीध् इसके साथ ही जो बच्चे बीमार हैं अथवा पहले से कोई दवा ले रहे हैं| उन्हें इस अभियान के तहत दवा नहीं खिलायी जायेगी|
भारत सरकार के अनुसार उत्तर प्रदेश के एक से 19 साल तक के 76 प्रतिशत बच्चे कृमि संक्रमण के शिकार हैं|सरकार ने इसको गंभीरता से लेते हुए प्रदेश में साल में दो बार कृमि मुक्ति कार्यक्रम चलाने का निर्णय लिया है राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक पंकज कुमार ने इस सम्बन्ध में प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों और मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को पत्र जारी कर प्रदेश में वर्ष 2018.19 के पहले चरण का कृमि मुक्ति दिवस का आयोजन 10 अगस्त को करने को कहा हैए इसके अलावा मॉप.अप दिवस का आयोजन 17 अगस्त को होगा|