फर्रुखाबाद: जब गरीब की छत गिरती है तो वह केबल छत नही होती बल्कि जीवन भर की मेहनत से बनाया गया उसके सपनों घर एक सपना बनाकर टूट जाता है| जिस घर में बनाने में जीवन निकल गया उसे एक पल में ख़ाक में मिलता देख उसके जहन में जो दर्द उठता है उसको तो केबल वही समझ सकता है जिसकी वह छत है| यह मंजर देखकर लगता है कि जिंदगी गुजर जाती है एक मकान बनाने में,और कुदरत उफ़ नही करती बस्तियां गिराने मे| ना उजाड़ ए -कुदरत किसी के आशियाने को, वक्त बहुत लगता है एक छोटा सा घर बनाने को||
बीती रात यही कुछ कोतवाली फतेहगढ़ क्षेत्र के मोहल्ला मछली टोला निवासी प्रमोद तिवारी के घर पर हुआ| प्रमोद की पत्नी रानी तिवारी पुत्र सुनील उर्फ़ सोनू व उसकी पत्नी रजनी पौत्र बासु व पौत्री ख़ुशी के साथ ही पुत्र सुनीत उर्फ़ मोनू उसकी पत्नी अर्चना घर के बरामदे में सो रहे थे| देर रात बरसात में उसके कमरे की छत भरभरा कर जमीन पर आ गयी| जिसमे उसका तकरीबन 1 लाख रूपये कीमत का सामान दब गया| छत गिरने के दौरान मोनू के चोट भी लग गयी| मोनू ने बताया की उसके पिता ने तकरीबन 50 वर्ष पूर्व मकान का निर्माण कराया था| जिसमे ईंट व मिट्टी आदि से चिनाई की गयी थी|
फ़िलहाल छत गिरने से परिवार खुली छत के नीचे आ गया| मौके पर भीड़ लग गयी|