लखनऊ:भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ लोकसभा चुनाव 2019 में उत्तर प्रदेश में विपक्ष का महागठबंधन तय है। इसमें समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी तथा कांग्रेस के साथ राष्ट्रीय लोकदल का भी शामिल होना तय है। इसपर सहमति भी संभव है। बस बाकी है तो 80 सीटों का बंटवारा।
देश के अन्य राज्यों के साथ प्रदेश में भी विपक्ष ने 2019 लोकसभा चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी हैं। भाजपा को उत्तर प्रदेश की हर सीट पर हराने को विपक्ष एकजुट होने लगा है। यह तो लगभग तय है कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस, सपा, बसपा व आरएलडी मिलकर चुनाव लड़ेंगे। चारों दलों में साथ मिलकर लडऩे को सहमति बन गई है। इन दलों में अभी 80 सीट के बंटवारे पर अभी अंतिम फैसला नहीं हुआ है। माना जा रहा है कि महागठबंधन में कांग्रेस को आठ सीट मिलेगी। समाजवादी पार्टी 30 सीट पर लड़ सकती है।
बहुजन समाज पार्टी सर्वाधिक 40 सीट पर अपने प्रत्याशी उतार सकती है जबकि समाजवादी पार्टी अपने कोटे की एक-दो सीट राष्ट्रीय लोकदल को दे सकती है। इनके चार प्रत्याशी मैदान में उतरने की संभावना है। राजनीतिक गलियारों में हमेशा से ही कहा जाता है कि दिल्ली का रास्ता उत्तर प्रदेश से होकर ही जाता है। लोकसभा की सीटों के लिहाज से उत्तर प्रदेश सबसे बड़ा राज्य है। यहां लोकसभा की 80 सीटे हैं। बीते 2014 के चुनाव में भाजपा की अगुवाई में सत्ता पर काबिज एनडीए को 73 सीट मिली थीं। 73 में से 71 पर भाजपा ने अपने प्रत्याशी उतारे थे।
प्रदेश में भाजपा का दबदबा कम करने को विपक्ष एकजुट हो गया और लोकसभा उपचुनाव में इसके गठबंधन को सफलता भी मिली। विपक्ष ने गोरखपुर, फूलपुर व कैराना में जीत दर्ज की। गोरखपुर सीट पर भाजपा की हार को सपा-बसपा गठबंधन ने खूब कैश कराया था। विपक्ष एकता की कोशिश में जुटे एनसीपी नेता शरद पवार और बसपा प्रमुख मायावती के बीच बीते हफ्ते नई दिल्ली में भेंट की थी। इस बैठक में दोनों नेताओं के बीच उत्तर प्रदेश में बसपा की सीटों को लेकर चर्चा हुई है।