फर्रुखाबाद:सदी का सबसे बड़ा चंद्रग्रहण आज गुरु पूर्णिमा के दिन ही पड़ रहा है। चंद्रग्रहण रात 11:55 बजे से लगेगा। इसके कारण आज दोपहर 2:54 बजे से सूतक लग जाएगा। आज गुरु पूर्णिमा पर सूतक काल से पहले ही सभी को गुरु पूजन करना होगा।
आज पडऩे वाला यह चंद्रग्रहण इस सदी का सबसे बड़ा होगा। इसका प्रभाव छह माह तक रहेगा। ऐसे में आज गुरु पूर्णिमा पर गुरु की पूजा के लिए उपयुक्त समय दोपहर से पूर्व का रहेगा। सुबह से दोपहर 2:54 बजे तक गुरु चरणों का पूजन करना शुभ रहेगा। सूतक काल में पूजन का विधान नहीं है। इसके बाद कल से सावन लग रहा है। ऐसे में इस दिन भोर पांच बजे से मंदिरों के पट खुल जाएंगे।
ग्रहण का सूतक काल दिन में 2:54 पर लग जाएगा जो भी शुभ कार्य हो, वह सभी कार्य सूतक काल से पूर्व ही कर लेना श्रेयस्कर होता है क्योंकि आज के दिन ही गुरु पूर्णिमा भी है। अतः सभी लोग गुरु पूर्णिमा के निमित्त जो भी धार्मिक क्रियाएं करते हैं, वह सूतक काल के पहले अर्थात 2:54 मिनट के अंदर ही धार्मिक कार्य कर लें। 27 जुलाई की रात्रि में खग्रास चंद्रग्रहण होने के कारण सभी मंदिरों के पट दोपहर एक बजे से बंद हो जाएंगे। 28 जुलाई को मंगला आरती एवं भगवान के दर्शन हो सकेंगे।
खग्रास चंद्रग्रहण रात्रि 11:54 बजे प्रारंभ होगा जो सुबह 3:49 मिनट तक रहेगा। इसकी कुल अवधि 3 घंटा 55 मिनट रहेगी। रात्रि में एक बजे से दो बजकर 43 मिनट तक खग्रास स्थिति होने के कारण चंद्रमा दिखाई नहीं देगा। ग्रहण से तीन प्रहर, नौ घंटे पहले 2:54 बजे से ही सूतक लग जाएंगे। जब सूतक लगता है तो इंसानों पर उसका प्रभाव गहरा पड़ता है। जैसे कि जब सूर्य ग्रहण हो तो घरों में धूप-अगरबत्ती जलाकर रखें , जिससे कि निगेटिव एनर्जी का प्रवेश ना हो। इस दौरान तुलसी के पौधे को ना छूए। दिन में ना सोये। लोगों का कहना है कि ग्रहणकाल में कैंची का प्रयोग भी नहीं करना चाहीए। और यही नहीं बालों व कपड़ों को साफ न करें, ब्रश न करें, गाय, भैंस व बकरी का दोहन ना करें।
चंद्रग्रहण पर एक नजर
सूतक काल -दोपहर 2:54 बजे से शुरू
ग्रहण प्रारंभ-रात 11:54 बजे
ग्रहण समाप्ति-रात 3:49 बजे
सूतक के समय बालक, वृद्ध, रोगी, गर्भिणी आदि को छोड़कर अन्य किसी को भोजन व शयन नहीं करना चाहिए। स्नान व यात्रा करने से बचना चाहिए। ग्रहण को खुली आंखों से न देखें।