फर्रुखाबाद:(राजेपुर) प्रदेश की भाजपा सरकार भ्रष्टाचार को भगाने के लिए एड़ी से चोटी तक का जोर लगा रही है| सरकार का दावा है कि स्वास्थ्य व्यवस्था दुरुस्त हुई है और ग्रामीणों को सरकारी अस्पतालों में समुचित सुविधाएं मुहैया हो रही हैं| लेकिन राजेपुर सीएचसी तक सरकार का ना तो फरमान पहुंच रहा है और ना ही इसका कोई असर दिख रहा है| बीमार सीएचसी में मरीज असुविधाओं से जूझ रहे हैं|
मंगलवार को जेएनआई टीम ने जब सीएससी राजेपुर की हकीकत को परखा तो वहां भर्ती मरीजों के बेड पर चादरें तक नहीं मिली थी और गद्दे भी इतने गंदे कि यदि स्वस्थ व्यक्ति को लिटा दिया जाए तो वह बीमार पड़ जाए| अस्पताल का मतलब ही होता है साफ-सफाई| लेकिन सीएचसी में सफाई जैसा कुछ नजर नही आया| सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ० आरिफ सिद्दीकी को बीते दिनों जिलाधिकारी ने फटकार लगाई थी| डीएम मोनिका रानी ने सीएससी का निरीक्षण कर अव्यवस्थाओं को दूर करने के उन्हें कड़े निर्देश दिए थे| लेकिन उनके निर्देशों के बावजूद भी आज तक अस्पताल का हाल बेहाल है| बीमार अस्पताल मरीजों के इलाज में लगा है|
अस्पताल में भर्ती गीता पत्नी सुख राम निवासी ग्राम बरुआ व नीतू पत्नी चंद्रबाबू निवासी ग्राम नगरिया जवाहर ने बताया कि वह 2 दिन से सीएससी में भर्ती है उनके बेड पर चादरें तक नही बिछाई गई और ना ही अस्पताल से चाय,दूध,बिस्कुट ब्रेड आदि मिला| पंखे भी अभी बंद रहते हैं और जनरेटर भी नहीं चलाया जाता| मरीजों ने बताया की रात होते ही मच्छर मरीजों का खून चूसने के लिए आते हैं| मच्छरों को रोकथाम की भी व्यवस्था सीएससी में नहीं की गई है| मरीजों के लिए लाखों की लागत से बने रैन बसेरे में भी ताला लटका है| सीएचसी के चारो तरफ गंदगी का अंबार है| पानी की टंकी भी खराब पड़ी है| जिससे मरीज पानी खरीदकर पीने पर मजबूर है|