फर्रुखाबाद: उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए आदेश का असर बैंड बजाने वालों पर नजर आ रहा है| जिला प्रशासन बिना परमीशन अब बारात में बैंड व डीजे तक बजाने की अनुमति नही दे रहा है| वही परमीशन लेने के लिये लड़का पक्ष के लोग पुलिस व अधिकारीयों के कार्यालयों के चक्कर लगाते नजर आ रहे है| बैंड बजाने वालों को दूसरी सिफ्ट में डीजे बजाने की परमीशन नही मिल रही है| जिससे इनका धंधा-मंदा है|
जेएनआई ने शहर के खटकपुरा स्थित ताज बैंड के संचालक मोसिन, प्रेम बैंड के सरताज, धुमना के इंडिया बैंड के परवेज, चौक के किराना बाजार स्थित कमल बैंड के अमर खां व चौक के विशाल बैंड के सुशील श्रीवास्तव उर्फ़ डब्बू से बात की| उन्होंने बताया की परमीशन के बाद रात 10 बजे तक ही डीजे बजाने के ही आदेश है| जबकि महीनों पहले से ही बैंड की दूसरी सिफ्ट बुक थी| लेकिन फरमान से धंधे को चूना लगा गया है| बैंड बालो के अनुसार कई लाख का धंधे को नुकसान हो गया है| पहली सिफ्ट में भी एक निर्धारित सीमा तक ही तेज बैंड बजा सकते है|
4 फरवरी से सहालग शुरू हो रही है| ध्वनि प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने कुछ मानक तय करते हुए बिना परमीशन बैंड बजाने पर रोक लगा दी जिसके बाद प्रशासन ने इस पर नकेल कसना शुरू कर दिया| सहालग का समय आ जाने से बैंड का कारोबार करने वालों के माथे पर सिलवटें पढ़ने लगी है| निर्देश के अनुसार वर और कन्या पक्ष के लोग यदि अपनी बारात में बैंड या डीजे बुक कराएंगे तो इसके लिए प्रशासन की अनुमति अनिवार्य है| अन्यथा प्रशासन रंग में भंग डाल सकता है| नगर मजिस्ट्रेट जेके जैन ने जेएनआई को बताया की तय समय सीमा के बाद यदि बैंड या डीजे कोई बजाता मिलता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी| दूसरे शिफ्ट की परमीशन किसी भी कीमत पर नहीं दी जा रही है|