फर्रुखाबाद:(राजेपुर) बीते दिनों बिजली चोरी पकड़ने के बाद दुकानदार से एफआईआर दर्ज ना कराने के बदले 20 हजार रूपये की मांग करने का वीडियो वायरल होने के बाद जेएनआई ने इस मामले को प्रमुखता से प्रकाशित किया था| जिसके बाद विभाग हरकत में आया| जिसके बाद अपना गला फंसते देख जेई ने लाइन मैंन व दुकानदार के खिलाफ चार दिन बाद पुलिस को तहरीर दी है|
जेई रंगलाल ने पुलिस को दी गयी तहरीर में कहा है कि बीते 5 जनवरी को शाम तीन बजे संबिदा लाइन मैंन मुन्ना सिंह ने बिना मेरी मौजूदगी में दीपू पुत्र सत्यपाल निवासी करनपुर दत्त की दुकान पर बैंक ऑफ इंडिया के पास दुकान में चेकिंग की| जिसमे सत्यपाल की दुकान पर बिजली की केबिल पड़ी मिली| मुन्नासिंह लाइन मैंन ने बिजली चोरी का मुकदमा दर्ज ना कराने के बदले 20 हजार रूपये की मांग की|
जब पता चला तो उसे नौकरी से निकाल दिया | लेकिन यह तहरीर किसी के गले नही उतरी| जिस समय लाइन मैंन रिश्वत मांग रहा था उस समय जेई मौके पर ही थे| यह आम जनमानस ने देखा| मिडिया में भी प्रकाशित हुआ| चार दिन तक जेई एफआईआर कराने क्यों नही आये| क़ानूनी जानकारों की माने तो वरिष्ठ अधिवक्ता दीपक द्विवेदी ने बताया कि यदि बिजली चोरी पकड़ी जाती है तो मौके पर ही केबिल या जो भी बिजली चोरी से सम्बन्धित वस्तु है उसे सील कर आरोपी के साथ ही साथ कुछ गवाहों के भी हस्ताक्षर कराये जाते है| क़ानूनी तौर पर तहरीर उसी दिन देनी चाहिए| लेकिन यदि जेई चार दिन बाद तहरीर दे रहे है तो उनकी कार्य प्रणाली संदेह के घेरे में आ जाती है|