लखनऊ: राज्यपाल रामनाइक और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा भवन के सामने स्थित अंबेडकर महा सभा में अंबेडकर की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या समेत बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि अंबेडकर ने समता मूलक समाज की स्थापना सरकार का उद्देश्य रखा। उन्होने कहा कि सभी कार्यालयों में अंबेडकर की प्रतिमा लगाई जायेगी।
सीएम ने कहा कि बाबा साहब ने इस देश के गरीब, दलित को मुख्यधारा के साथ बढ़ाया। उन्होंने इनके लिए जीवन भर काम किया। विदेश में रहकर बाबा साहब ने उच्च शिक्षा अर्जित की। सीएम ने कहा कि आज पूरा देश भारत माता के सपूत को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा है. वह संविधान शिल्पी के रूप में उनका नमन करते हैं। मध्यकाल में देश में सामाजिक अश्पृश्यता की विकृति आई। जिसका शिकार बाबा साहब को भी बचपन में होना पड़ा था।
उन्होंने कहा भारत के महापुरुषों के बारे में वर्तमान पीढ़ी जाने, इसीलिए हमने इनसे जुड़ी महत्वपूर्ण तिथियों पर अवकाश बंद किए। हमारी कोशिश है कि इस दिन विद्यालयों में डिबेट और कम्पटीशन आयोजित किए जाएं। संस्थाओं में महापुरुषों के विषय पर कार्यक्रम आयोजित हों। उन्होंने दलित समाज को शिक्षा से जोड़ने पर बल दिया। सीएम योगी ने कहा कि पीएम ने बाबा साहब से जुड़े स्थलों को पंचतीर्थ के रूप में विकसित किया।
इस दौरान राज्यपाल ने कहा कि अम्बेडकर ने सबको साथ ले कर संविधान की रचना की। संविधान का अध्याय समाज को जोड़ता है। राष्ट्रपति से लेकर राज्यपाल और प्रधानमंत्री सीएम को क्या करना है। सबको संविधान के माध्यम से बताने का प्रयास किया। मैने तो डॉ अम्बेडकर को देखा है। सभी को वोट का अधिकार भी संविधान की देन है। महिलाओं को अधिकार भी संविधान ने दिलाया। पहले 21वर्ष वोट देने की थी लेकिन अब 18 साल है। यह भी संविधान की देंन है। स्वत्नत्रता तो मिली है लेकिन समता के अभाव की बात करने वाले डॉ अम्बेडकर के सपनो का भारत निर्माण करने का संकल्प लेना होगा। राज्य पाल ने अम्बेडकर के सही नाम लिख़ने का संकल्प दिलाया। संविधान में उनके हस्तकछर में जो नाम लिखा है उसका उल्लेख किया।