इटावा: भारतीय जनता पार्टी के भगवान राम के मुकाबले में समाजवादी पार्टी अब भगवान कृष्ण के सहारे है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इटावा के सैफई में भगवान कृष्ण की 51 फीट प्रतिमा तैयार करवाई है। इटावा के सैफई में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के निर्माणाधीन स्कूल में भगवान कृष्ण की तांबे की प्रतिमा तैयार की गई है। यहां पर तैयार 51 फीट प्रतिमा को लेकर 2019 के लोकसभा चुनाव की तैयारी से जोड़ कर अभी से कई राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं।
स्कूल में काम करने वाले इंजीनियर व सैफई के कई निवासियों का कहना है कि यह तांबा की मूर्ति नोएडा में तैयार कराई गई थी। स्कूल बनकर तैयार हो जाने पर इसको स्कूल खोला जाएगा। यह प्रतिमा अभी पूरी तरह ढकी हुई है। मूर्ति में भगवान कृष्ण को रथ का पहिया लिए खड़ा दर्शाया गया है। भगवान कृष्ण की प्रतिमा बनकर लगभग तैयार है। योजना के अनुसार अखिलेश यादव 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी नेताओं को एक जुट कर इसका अनावरण करेंगे। इस प्रतिमा का निर्माण बेहद ही गोपनीय ढंग से पिछले छह महीने से किया जा रहा है। प्रतिमा निर्माण के लिए पैसा सैफई महोत्सव कमेटी ने दिया है।
रिपोर्ट के मुताबिक प्रतिमा 51 फीट की है और इसका वजन करीब 60 टन है। इसके निर्माण के लिए जापानी स्टेनलेस स्टील और पीतल का प्रयोग किया गया। यह प्रतिमा उस दृश्य की है जब भगवान कृष्ण को महाभारत के दौरान शस्त्र के तौर पर पहली बार उठाया रथ का पहिया नाम से जाना गया था। दरअसल पूरी महाभारत के दौरान सिर्फ एक बार ही कृष्ण ने रथ का पहिया शस्त्र के तौर पर उठाया था। लोकसभा से पहले एक तरह से अखिलेश सभी विपक्षी नेताओं को एक जुट कर ये सन्देश देने का प्रयास करेंगे।
रिपोर्ट के मुताबिक अखिलेश यादव भी भाजपा से मुकाबले के लिए सॉफ्ट हिंदुत्व की छवि रखना चाहते हैं। जिससे उनके ऊपर लगा समुदाय विशेष के हिमायती का ठप्पा हट सके और छिटकी हुई ओबीसी जातियां फिर उनसे जुड़ सकें। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए योगी सरकार ने अयोध्या के सरयू नदी के तट पर 100 फीट ऊंची भगवान राम की एक बड़ी प्रतिमा लगाने की योजना बना रखी है।