महोत्सव में जुटेंगे देश-विदेश के बौद्ध अनुयायी

FARRUKHABAD NEWS

फर्रुखाबाद:(संकिसा-मेरापुर)उप जिलाधिकारी सदर व सीओ कायमगंज ने चार व पांच अक्टूबर को होने वाले बुद्ध महोत्सव को लेकर दिशा निर्देश जारी किये| महोत्सव की तैयारी बैठक में कहा गया की बुद्ध महोत्सव में देश-विदेश के बौद्ध अनुयायियों का जमाबडा लगता है| इस लिये धम्म यात्रा के समय किसी भी पक्ष को नारेबाजी न करने के निर्देश दिये गये है|

संकिसा के एक होटल में आयोजित की गयी तैयारी बैठक के दौरान अधिकारियों ने कहा कि थाने के त्योहार रजिस्टर में धम्म यात्रा में एक झांकी शामिल होने का जिक्र है| इस बार बिसारी देवी सेवा समिति व बौद्ध अनुयायियों को विवाद को देखते हुये पाबंद किया गया| एसडीएम सदर अजीत सिंह का कहना है कि इस वर्ष आयोजित होने वाले कार्यक्रम में किसी भी पक्ष को निरोधात्मक कार्यवाही नही की गयी है| मां विसारी देवी सेवा समिति किए दिलीप दीक्षित व बौद्ध अनुयायियों की तरफ से रघुवीर शाक्य,डा. धम्म पाल थैरो बैठक में रहे| बताते चले कि चार अक्टूबर को संकिसा में बुद्ध महोत्सव शुरू होगा। पांच अक्टूबर को परंपरागत धम्म यात्रा धार्मिक स्थल पर पहुंचेगी। वहां दोनों पक्ष पूजा-अर्चना करते हैं| जिसको पूजा करने के लिये अलग-अलग समय पर बुलाया गया है|
कई चर्चित हस्ती भी बौद्ध महोत्सव में कर चुकी है शिरकत
अभी तक देश व विदेश के बौद्ध अनुयायियों के साथ ही साथ नामचीन चेहरे भी आ चुके है| तीन वर्ष पूर्व हुये महोत्सव में धर्म गुरु दलाई लामा संकिसा ने हिस्सा लिया था | वही उनसे भेट करने के लिये सपा सरकार के सीएम ने भी महोत्सव में दलाई लामासे भेट की थी| बीते तीन महीने पहले ही सूबे के पूर्व उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य भी एक कार्यक्रम में संकिसा आ चुके है|
30 वर्षो से दोनों पक्षों में चल रहा है विवाद
संकिसा स्थित विवादित परिसर को पुरातत्व विभाग ने अधिग्रहीत कर रखा है। विवादित परिसर में स्थित टीले को बौद्ध अनुयायी स्तूप मानकर पूजा अर्चना करते हैं, जबकि सनातनधर्मी टीले पर विराजमान मां बिसारी देवी व अन्य देवी देवताओं की प्रतिमाओं की पूजा करते हैं। बच्चों के मुंडन व पुष्पनयन संस्कार सहित अन्य धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन भी किया जाता है। बौद्ध अनुयायी व सनातनधर्मी टीले पर अपना-अपना दावा ठोंक रहे हैं। इसको लेकर 30 वर्ष से न्यायालय में मुकदमा विचाराधीन है। बुद्ध महोत्सव के दौरान दोनों पक्षों के आमने- सामने आने से पुलिस व प्रशासन को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था करनी होती है। दोनों पक्षों में कई बार पथराव व फाय¨रग की घटनाएं भी हो चुकी हैं।