लखनऊ: उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने यहां सोमवार को उप्र की योगी सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार की तरह उप्र में योगी सरकार भी हवा-हवाई साबित हुई है। प्रदेश में कानून व्यवस्था का बुरा हाल है। कर्जमाफी के नाम पर किसानों के साथ मजाक किया जा रहा है। राज्यसभा से इस्तीफे के बाद मायावती मेरठ के वेदव्यासपुरी मैदान में मेरठ, सहारनपुर और मुरादाबाद मंडल के 71 विधानसभा क्षेत्रों से आए कार्यकर्ताओं और समर्थकों को संबोधित कर रही थीं।
मायावती ने केंद्र और प्रदेश सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि भाजपा पूरी तरह आरएसएस और हिंदुत्व के एजेंडे पर काम कर रही है। गरीब, अल्पसंख्यक ओर दलितों का उत्पीड़न हो रहा है। रोहित वेमुला कांड और गुजरात का ऊना कांड इसके उदाहरण हैं। उन्होंने कहा कि जब सहारनपुर के शब्बीरपुर में दलितों का उत्पीड़न हुआ और वह इस मुद्दे पर संसद में बोलना चाहती थीं, मगर बोलने नहीं दिया गया। मजबूरी में उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। चुनाव में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई, जिसका खामियाजा सभी विपक्षी पार्टियों को भुगतना पड़ा। मायावती ने कहा, “2014 के लोकसभा चुनाव में जब ईवीएम में गड़बड़ी हुई, तब देश की जनता में कांग्रेस के प्रति बड़ा गुस्सा था, जिसकी वजह से ईवीएम की गड़बड़ी उजागर नहीं हो पाई। अब हम चुप बैठने वाले नहीं हैं।”
बसपा प्रमुख ने कहा कि भाजपा सरकार आज दलितों और ओबीसी का आरक्षण खत्म करना चाहती है। सारे उपक्रमों को निजी क्षेत्र में दिया जा रहा है, जहां पहले से ही आरक्षण नहीं है। अपने संबोधन में मायावती ने किसान, मजदूर, बेरोजगार, दलित, पिछड़े, नौजवान, अल्पसंख्यक, महिलाएं सबको साधने की कोशिश की और कार्यकर्ताओं से कहा कि भाजपा को फिर से सत्ता में आने से रोकने के लिए आरएसएस के एजेंडे से समाज को अवगत कराएं। आरएसएस की असलियत जनता को पता नहीं है, इसलिए लोग गुमराह हो जाते हैं। भाजपा के साम, दाम, दंड, भेद और हवा-हवाई वादों से सावधान रहें।
मायावती ने 18 जुलाई को राज्यसभा से इस्तीफा दिया था और यह फैसला लिया था कि वह हर महीने की 18 तारीख को प्रदेश में मंडलवार रैलियों को संबोधित करेंगी। उसी क्रम में मेरठ में यह रैली आयोजित हुई।