ताकत, प्रेम और एकता का प्रतीक: गणतंत्र दिवस

Uncategorized

गणतंत्र दिवस हर साल 26 जनवरी को मनाया जाता है, 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू हुआ, बस तभी से देश गणतंत्र हुआ और उसी उपलक्ष मे गणतंत्र दिवस हर वर्ष मनाया जाता है। 26 जनवरी 1950 को जिस दिन हमारा संविधान लागू हुआ तबी से भारत को अपन संवैधानिक ताक मिली। इस दिन के बाद से ही भारत में एक पूरी तरह से रिपब्लिकन इकाई बन गई।

गणतंत्र दिवस का इतिहास

सन 1929 के दिसंबर में लाहौर में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अधिवेशन पंडित जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में हुआ जिसमें प्रस्ताव पारित कर इस बात की घोषणा की गई कि यदि अंग्रेज सरकार 26 जनवरी, 1930 तक भारत को उपनिवेश का पद (डोमीनियन स्टेटस) नहीं प्रदान करेगी तो भारत अपने को पूर्ण स्वतंत्र घोषित कर देगा। 26 जनवरी, 1930 तक जब अंग्रेज सरकार ने कुछ नहीं किया तब कांग्रेस ने उस दिन भारत की पूर्ण स्वतंत्रता के निश्चय की घोषणा की और अपना सक्रिय आंदोलन आरंभ किया।

उस दिन से 1947 में स्वतंत्रता प्राप्त होने तक 26 जनवरी स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता रहा। तदनंतर स्वतंत्रता प्राप्ति के वास्तविक दिन 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के रूप में स्वीकार किया गया। 26 जनवरी का महत्व बनाए रखने के लिए विधान निर्मात्री सभा (कांस्टीट्यूएंट असेंबली) द्वारा स्वीकृत संविधान में भारत के गणतंत्र स्वरूप को मान्यता प्रदान की गई।

एकता और ताकत का प्रतीक गणतंत्र दिवस

आज गणतंत्र दिवस पूरे देश में बहुत उत्साह और विशेष रूप से राजधानी में के साथ मनाया जाता है, लालकिले पर सबसे पहले हमारे देश के प्रथम नागरिक के तौर पर मौजुद देश के राष्ट्रपति देश का तिरंगा फैलाया जाता है। उसके बाद राष्ट्रपति द्वारा देश के बहादुर लोगों को सम्मानित किया जाता है।

इस मौके पर एक परेढ निकाली जाती है जो राजघाट से होती हुई विजयघाट पर समाप्त होती है। इस मौके पर देश के तीनो वायु, थल और जल के जवान अपने कौशल दिखाते है और स्कूल के बच्चे रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत करते हैं।