लखनऊ|| उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने आज बांदा रेप कांड में चार पुलिस अधिकारियों और एक जेल अधिकारी को लापरवाही के आरोप में निलंबित कर दिया।
इसी बीच बहुजन समाज पार्टी के विधायक पुरुषोत्तम द्विवेदी की पत्नी ने भी दोहराया है कि उनके पति शारीरिक रूप से बलात्कार करने में समर्थ नहीं हैं। उन्होंने कहा कि मैं पत्नी होने के नाते यह बात दावे के साथ कह सकती हूं।
विधायक की पत्नी आशा द्विवेदी लिखित बयान पढ़ते हुए अपने पति का पूरी तरह से बचाव किया और कहा कि मेरे पति पिछले 18 साल से मधुमेह और ब्लड प्रेशर के मरीज हैं. उनका बायां गुर्दा भी बेकार है. उनकी मौजूदा शारीरिक हालत ऐसी नहीं है कि वह किसी का बलात्कार कर सकें. उनकी पत्नी होने के नाते मैं यह बात दावे के साथ कह सकती हूं.
उन्होंने कहा कि मैं मांग करती हूं कि मेरे पति का तुरंत डीएनए परीक्षण और मेडिकल जांच कराई जाए.
अपने पति के खिलाफ उनके राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों द्वारा साजिश रचे जाने का आरोप लगाते हुए आशा ने विधायक द्विवेदी को बलात्कार के मामले में फंसाने के षड्यंत्र की भी सीबीसीआईडी से जांच कराने की मांग की.
मायावती ने आज लखनऊ में एक पत्रकार वार्ता में कहा कि बांदा बलात्कार मामले में उन्होंने अपर पुलिस अधीक्षक लालाराम, अतर्रा थाना प्रभारी राधेश्याम शुक्ला, उप निरीक्षक अब्दुल जब्बार और बांदा के जेलर ज्ञानप्रकाश को निलंबित कर दिया है।
बांदा के बीएसपी विधायक पुरुषोत्तम द्विवेदी पर एक नाबालिग लड़की ने दिसंबर में बलात्कार का आरोप लगाया। लड़की का आरोप है कि विधायक और उनके सहयोगियों ने 10 और 12 दिसंबर को उसके साथ बलात्कार किया। लड़की ने यह भी आरोप लगाया कि उसे चोरी के आरोप में भी झूठा फंसाया है। चोरी के आरोप में पुलिस ने पीड़ित को जेल में डाल दिया था लेकिन बाद में उसे रिहा किया गया। विधायक बलात्कार के आरोप में बांदा जेल में बंद हैं।
विधायक की पत्नी आशा ने आज मीडिया के सामने आकर एक लिखित बयान पढ़ा। इसमें उन्होंने दावा किया कि विधायक का डीएनए और दूसरे मेडिकल टेस्ट करवाने से यह पूरी तरह साबित हो जाएगा कि वे बलात्कार करने में अक्षम हैं। उन्होंने कहा कि उनके पति को 18 साल से शुगर और ब्लड प्रेशर की बीमारी है। उनकी एक किडनी भी खराब है। ऐसे में वे बलात्कार कैसे कर सकते हैं? मैं उनकी पत्नी हूं और दावे के साथ कह सकती हूं कि वे बलात्कार करने लायक नहीं हैं।
इसके पहले विधायक खुद भी कह चुके हैं कि वे नपुंसक हैं। लेकिन मामले की जांच कर रही सीबी-सीआईडी ने सरकार को सौंपी प्राथमिक जांच रिपोर्ट में विधायक और उनके तीन सहयोगियों को बलात्कार का दोषी माना है। सीबीसीआईडी ने आज इस मामले में आरोपपत्र भी दायर कर दिया।
आशा ने कहा कि उनके पति के राजनीतिक विरोधियों ने उन्हें फंसाने का षडयंत्र किया है। उन्होंने दावा किया कि जिस लड़की ने बलात्कार का आरोप लगाया है वह चोरी करते हुए रंगे हाथों पकड़ी गई थी और करीब 500 लोगों के सामने उसके पास से चोरी का मोबाइल भी जब्त हुआ। आशा के अनुसार चोरी के आरोप में गिरफ्तारी के बाद उसने पुलिस के सामने दिए बयान में विधायक पर कोई आरोप नहीं लगाया, बल्कि उसने अपने पिता पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
उन्होंने दावा किया कि युवती के मेडिकल परीक्षण में भी बलात्कार साबित नहीं हुआ। आशा ने मुख्यमंत्री से पूरे मामले की जांच करवा कर षडयंत्र करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की।