लखनऊ: यूपी की योगी सरकार का लक्ष्य 2019 का लोकसभा चुनाव है और वह उसमें बेहतर प्रदर्शन करना चाहती है. जनता तक अपनी उपलब्धियों और वादों को पूरा करने को गिनाना भी शुरू किया जा रहा है. योगी सरकार अपना रिपोर्ट कार्ड जनता के सामने रखेगी. साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संगठन हिंदू युवा वाहिनी के कुछ कार्यकर्ताओं पर कानून अपने हाथ में लेने के आरोपों के बीच सरकार ने साफ कर दिया है कि किसी को भी ऐसा करने की इजाजत नहीं दी जाएगी. सरकार के आला सूत्रों ने योगी सरकार के कामकाज का खाका खींचा है.
उनके मुताबिक- योगी सरकार का 100 दिनों का रिपोर्ट कार्ड पेश किया जाएगा. इसमें संकल्प पत्र में किए गए वादों को कहां तक पूरा किया गया इसका लेखा-जोखा होगा. इसके बाद सरकार छह महीने और फिर एक साल के काम का रिपोर्ट कार्ड जनता को देगी| उल्लेखनीय है कि योगी सरकार 2019 के लोकसभा चुनावों को ध्यान में रखकर काम कर रही है. वादों को जमीन पर उतारने के लिए महज दो साल का वक्त है. संकल्प पत्र के हर वादे को पूरा किया जाएगा. केंद्र सरकार के फैसलों को यूपी में लागू किया जाएगा. सरकार लोगों से आंख मिलाकर बात कर सके, इतना काम किया जाएगा.
हालांकि कानून-व्यवस्था को लेकर सरकार पर सवाल उठ रहे हैं. पिछले दिनों बीजेपी-संघ परिवार के कुछ कार्यकर्ताओं के साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संगठन हिंदू युवा वाहिनी के कुछ कार्यकर्ताओं पर भी आरोप लगे, लेकिन वरिष्ठ मंत्रियों का कहना है कि सरकार के लिए सब बराबर हैं. जो कानून अपने हाथ में लेंगे उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी. ऐसे लोग हमें फोन न करें. हम कोई मदद नहीं करेंगे. जमीन पर कब्जा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी.
योगी सरकार ने दिसंबर 2018 तक सबको बिजली देने के केंद्र सरकार के संकल्प को पूरा करने का भरोसा भी जताया है. सरकार का कहना है कि दूसरे राज्यों से बिजली ली जा रही है. मोबाइल कनेक्शन की ही तरह बिजली कनेक्शन लेना आसान बनाया जाएगा. बिजली चोरों पर सरकार सख्त है. पांच से सात साल की सजा होगी. 75 थाने बनाए जा रहे हैं.