प्रोटोकाल ने छीनी लालबत्ती, नेता जी साइकिल रिक्शा पर

Uncategorized

लखनऊ|| मुख्यमंत्री मायावती और कांग्रेस के बीच बढ़ती दूरियों ने राज्य से आने वाले केंद्र के मंत्रियों को साईकिल पर चलने के लिए मजबूर कर दिया.उत्तर प्रदेश की मायावती सरकार और केंद्र की कांग्रेस सरकार में बढ़ रही राजनीतिक तल्ख़ी के फलस्वरूप अब केंद्र सरकार के मंत्रियों को प्रोटोकोल या शिष्टाचार सुविधाओं से वंचित होकर लालबत्ती वाली अम्बेस्डर कार की बजाए साइकिल रिक्शा पर चलना पड़ रहा है. क्योंकि प्रदेश की मायावती सरकार ने प्रोटोकॉल नियमावली बदल डाली है.

कांग्रेस पार्टी के लोग बीते दिन उस समय अचम्भे में पड गए जब , झांसी से लोक सभा सदस्य और केंद्र सरकार में ग्रामीण विकास राज्य मंत्री प्रदीप जैन साइकिल रिक्शे पर बैठकर पार्टी कार्यालय पहुंचे.प्रदीप जैन ने साइकिल रिक्शे की सवारी पर्यावरण संरक्षण या पेट्रोल बचाने के लिए नही , बल्कि मजबूरी में की, क्योंकि राज्य सरकार ने उन्हें पहले की तरह राज्य अतिथि का दर्जा नही दिया.

प्रोटोकॉल के तहत राज्य अतिथि का दर्जा मिलने पर सरकारी कार के अलावा राज्य अतिथि गृह में कमरा और भोजन बिना भुगतान मिलता है.वी वी आई पी गेस्ट हाउस में प्रदीप जैन को कमरा देते समय मैनेजर ने यह भी कहा कि कमरे का किराया और भोजन का बिल भी उन्हें अपनी जेब से चुकाना पडेगा.इसी तरह पेट्रोलियम राज्य मंत्री जितिन प्रसाद को भी राज्य अतिथि दर्जा न मिलने से सरकारी गाड़ी उन्हें लेने एयरपोर्ट नहीं गई.

ये दोनों मंत्री मुख्यमंत्री मायावती और उनकी सरकार के कामकाज की आलोचना करते रहे हैं. समझा जाता है कि इसी कारण उन्हें राज्य अतिथि का दर्जा नही मिला.लेकिन इसकी शुरुआत राष्ट्रीय अनुसूचित आयोग के अध्यक्ष और बाराबंकी से लोक सभा सदस्य पी एल पुनिया से हुई. पुनिया रिटायर्ड आई ए एस अफसर हैं और मायावती के प्रमुख रह चुके हैं.

लेकिन ताज कोरिडोर भ्रष्टाचार मामले में उन्होंने सी बी आई जांच में मायावती के ख़िलाफ़ बयान दिया और इसलिए उनसे खटपट हो गई थी.पिछले लोक सभा चुनाव में पुनिया कांग्रेस के टिकट पर सांसद बने थे. केंद्र सरकार ने हाल ही में उन्हें राष्ट्रीय अनुसूचित आयोग का अध्यक्ष बना दिया.केंद्र सरकार ने पुनिया को कैबिनेट मंत्री का दर्जा भी दे दिया.

लेकिन माया सरकार ने उन्हें राज्य मंत्री का दर्जा देने से मना कर दिया.माया सरकार ने इसी 12 जनवरी को पचास साल पुराना प्रोटोकॉल नियम बदल कर केंद्र के कई पदाधिकारियों को राज्य अतिथि का दर्जा उनके सामान्य अधिकार के बजाए अपने विवेकाधीन कर लिया है.केन्द्रीय कोयला राज्यमंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल ने पत्रकारों से बातचीत में माया सरकार के इस निर्णय को अनुचित और ग़लत परम्परा बताया.प्रदेश कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने गवर्नर बी एल जोशी से मिलकर उन्हें एक ज्ञापन दिया हैं और माया सरकार की कार्यवाही को असंवैधानिक बताया है.