फर्रुखाबाद: 28 फरवरी मंगलवार को राष्ट्रीय कृमि दिवस पर स्वास्थ्य विभाग ने लोगों को अनिवार्य रूप से अपने बच्चों कृमि नाशक दवा पिलाने की और जगह-जगह एक साल से 19 वर्ष तक के बच्चों व किशोरों को यह खुराक दी। जिलाधिकारी प्रकाश बिंदु ने शहर क्षेत्र के ग्राम पपियापुर में पंहुचकर कृमि दिवस का शुभारम्भ कर एलबेण्डाजोल की खुराक पिलाई|
विश्व स्वास्थ्य संगठन के निर्देश पर एलबेण्डाजोल की खुराक सभी केन्द्रों पर भेजी गयी| जिले भर के सरकारी व निजी स्कूलों, कालेजों एवं आंगनबाड़ी केन्द्रों पर यह खुराक निःशुल्क उपलब्ध करायी गयी। इसे सीरप व टैबलेट दोनों रूप में उपलब्ध कराया गया। जो बच्चे छूट जाएंगे, उन्हें दोबारा अगली तिथि पर यह खुराक दी जाएगी। एक साल से दो वर्ष तक के बच्चों को आधी खुराक व इससे अधिक उम्र के बच्चों को पूरी खुराक पिलाई गयी। इसके लिए बच्चों को कई आयु वर्ग में बांटा गया है। सुबह नौ बजे से शाम चार बजे तक यह खुराक पिलाई गयी। सीओओ राकेश कुमार, बीएसए संदीप चौधरी आदि अधिकारी मौजूद रहे |
क्या है कृमि रोगः
सीएमओ राकेश कुमार ने बताया की कृमि रोग यानि पेट में कीड़े होना एक आम बीमारी है, जो बच्चों के साथ-साथ बड़ों को भी अपनी चपेट में ले लेती है। कृमि रोग साधारण बीमारी समझी जाती है, लेकिन यदि इसका इलाज न किया जाए तो यह रोग कई जटिलताएं जैसे रक्ताल्पता, कुपोषण, आंतों में रुकावट, एलर्जी इत्यादि रोग उत्पन्न कर रोगी की मौत का कारण भी बन सकता है।
ऐसा होता है संक्रमणः
यह एक संक्रामक रोग है, जो भोज्य पदार्थों की साफ-सफाई न होने या दूषित जल इत्यादि से फैलता है। दुनिया की लगभग एक अरब आबादी केवल गोल कृमियों से ग्रस्त है। भारत में 15 से लेकर 20 करोड़ मरीज इस रोग के शिकार हैं। प्रतिवर्ष यहां 20 हजार के आसपास मौतें अकेले गोलाकार कृमि के कारण होती हैं।