फर्रुखाबाद:(दीपक शुक्ला) जहां सर्दी का मौसम शुरू हो रहा है, लेकिन जिले में विधानसभा चुनाव की गर्मी बढ़ रही है। टिकट वितरण, प्रचार और बयानबाजी शुरू हो चुकी है। दल बदलने का काम भी जोरों पर है। लेकिन कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी दो ऐसी पार्टी हैं जिन्होंने अभी तक टिकटों की घोषणा नहीं की है। यह अलग बात है कि बयानबाजी और प्रचार के मामले में दोनों पार्टियां काफी आगे हैं। इसके इतर बीजेपी को पूर्व की भांति असंतुष्टों का डर सता है।
चुनाव आयोग ने चुनावों की तारीख का एलान भी कर दिया इसके बाद भी अभी तक टिकट की घोषणा नही हुई है | एक एक विधान सभा में कई-कई दावेदार लाइन में है| सदर सीट पर तो टकराव की स्थित है| कांग्रेस और भाजपा विधानसभा चुनाव 2017 के लिए उम्मीदवारों की घोषणा नहीं कर रही हैं? यह एक ऐसा सवाल है जिसका जिक्र सियासी चर्चाओं में सबसे ज्यादा हो रहा है। सूत्रों की मानें तो कांग्रेस से टिकट की चाहत रखने वाले कुछ उम्मीदवार भी नहीं चाहते कि टिकटों की घोषणा करने में कोई जल्दबाजी हो। इसके पीछे अपना तर्क देते हुए ऐसे दावेदार बताते हैं कि आज चुनाव इतना महंगा हो गया है कि किसी भी चुनाव को तीन से चार महीने तक खींचना बहुत मुश्किल है। अगर जल्द टिकट की घोषणा हो जाती है तो प्रत्याशियों पर खर्चे का बोझ बहुत बढ़ जाएगा।
अब जरा भाजपा के खेमे में नजर डालें तो अंदरखाने अभी तक टिकट वितरण न करने को लेकर कुछ और ही चर्चा चल रही है। सूत्रों की मानें तो बसपा और कांग्रेस के खेमे में सेंध लगा चुकी भाजपा को टिकट वितरण के बाद असंतुष्टों का डर सता है। भाजपा को पार्टी में आए मेहमानों को भी चुनावी टिकट से नवाजना है। ऐसे में भाजपा के पुराने कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों का नाराज होना स्वाभाभिक है। कहीं नाराज होकर कार्यकर्ता दूसरी पार्टी का रूख न कर लें, इसलिए भाजपा ऐन वक्त पर टिकटों की घोषणा कर असंतुष्टों को वक्त नहीं देना चाहती है। हालांकि भाजपा बीजेपी जिलाध्यक्ष सत्यपाल सिंह ने बताया की अभी टिकट की घोषणा 13 जनवरी के बाद की जायेग|
इस बारे में कांग्रेस जिलाध्यक्ष मृत्युंज य शर्मा बताते हैं कि टिकट वितरण का फैसला हाईकमाल लेती है। जब हाईकमान को टिकट वितरण करने का सही वक्त लगेगा वो कर दी जाएगी। अभी और भी दूसरे काम हैं जो करने के लिए जरूरी हैं वो ही चल रहे हैं। वही सपा के टिकट वितरण पर उन्होंने कहा की सपा में झगड़े के दौरान टिकट वितरण किया गया|