फर्रुखाबाद: सपा में इन दिनों सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा है और या तो सब कुछ बिल्कुल भी ठीक नही चल रहा| तो क्या टिकटों की रार जनता को गुमराह करने के लिये सपा में शुरू हुई है| एक-एक विधानसभा में दो-दो प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतार कर बैसे भी खेमे बंदी करने में सपा आला कमान ने कोई कोर कसर नही छोड़ी| कोई सीएम अखिलेश के गुन गा रहा है तो कोई शिवपाल के समर्थन में चुनावी नैया पार करने की जुगत में है| रात में टिकट किसी और को सुबह टिकट किसी और को| जनता क्या करे|
सपा में जिले के भीतर पांच साल की सरकार में जो हुआ वह सभी जानते है| जिला पंचायत चुनाव रहा हो या व्लाक प्रमुख का चुनाव दोनों में ही शिवपाल सिंह और सीएम अखिलेश यादव के समर्थक अपनी-अपनी ताल ठोकते नजर आये| आखिर चली किसकी यह भी किसी से छुपा नही| जिला पंचायत चुनाव में जिस तरह से शिवपाल सिंह ने पूर्व मंत्री नरेन्द्र सिंह यादव के साथ खड़े होकर विधायक अजीत कठेरिया की पत्नी सगुना देवी को चुनाव मवे जीत दिलाई| उससे सीएम अखिलेश यादव काफी कफा हो गये| अब जब टिकट वितरण का समय आया तो पता चला की उनकी सूची में नरेन्द्र सिंह यादव का नाम ना होकर सुबोध यादव का नाम शामिल है| उन्होंने भोजपुर से विधायक जमालुद्दीन को ही प्रत्याशी बनाया | जबकि उनके पुत्र अरशद कई बार शिवपाल सिंह के साथ पुलिस लाइन मैदान में हैलीकाप्टर पर बैठकर आये| लेंकिन उनको चाचा ने आशीर्वाद नही दिया| सदर सीट से विधायक विजय सिंह का नाम शिवपाल की सूची में है|
सीएम ने जिस तरह से सुबोध की मदद की| उसके हिसाब से उनकी लिस्ट में सुबोध का नाम होना चाहिए था| लेकिन गुरुवार देर शाम को जो 235 की सूची सीएम अखिलेश यादव ने जारी कि उसमे अमृतपुर विधान सभा से सुबोध यादव का नाम ना होकर पूर्व मंत्री और 6 बार के विधायक नरेन्द्र सिंह का नाम है| जिससे बड़े उन्द्दा किस्म की राजनीति सैफई परिवार के द्वारा करने की चर्चा आम है| वही पार्टी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने कायमगंज विधायक अजीत कठेरिया का नाम काट कर उसमे से रामशरण कठेरिया का नाम जारी किया| गुरुवार की शाम सीएम जो सूची जारी की उसमे कायमगंज से पुन: सुप्रीमो की सूची कोताक पर रख पुन: अजीत को प्रत्याशी बनाया गया|
तो क्या यह मान लिया जाये की सपा में जो दिखाई देता है वह होता नही| अभी यह चर्चा भी है की यह जो टिकट अब दिये गये है वह भी सुरक्षित नही है| अभी और सूची भी आ सकती है|