महंगाई पर दो दिनों तक चली मैराथन बैठक के बाद सरकार आज महंगाई से निपटने के उपायों की घोषणा कर सकती है.
बीती देर शाम तक यह घोषणा होने वाली थी लेकिन बाकी कैबिनेट से राय मशविरा लेने के बाद ही आज इसका ऐलान हो सकता है. सरकार महंगाई रोकने के लिए तात्कालिक उपायों के साथ सब्सिडी आधारित लंबे समय की योजनाओं का भी ऐलान कर सकती है.
कुछ जरूरी वस्तुओं के वायदा कारोबार पर रोक लगाने से लेकर राज्यों के स्थानीय करों में रियायत से जुड़े प्रस्ताव जारी हो सकते हैं. चीनी, दूध, अंडे जैसी चीजों के निर्यात पर रोक लग सकती है. सरकार राज्यों के साथ मिलकर कालाबाजारी को रोकने के लिए भी सख्त कदम उठाने की घोषणा कर सकती है.
इन उपायों में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के जरिए आपूर्ति बढ़ाने और उनकी कीमत को कम करना शामिल है. इसके अलावा चुनिंदा खाने पीने की चीजों पर लगने वाले आयात शुल्क को घटाने का भी निर्णय लिया जा सकता है.
सरकार सब्जियों की महंगाई का स्थायी हल निकालने की कोशिश में सब्सिडी आधारित बड़ी योजना का ऐलान कर सकती है. सूत्रों के मुताबिक इस योजना के तहत हर बड़े शहर के आसपास सब्जी उगाने के लिए बड़े फार्म खोले जा सकते हैं. फार्म खोलने के लिए ज़मीन राज्य सरकारें देंगी और सब्जी उगाने और बेचने का काम निजी कंपनियां संभालेंगी|
महंगाई को दूर भगाने के तर्क के पीछे यह धारणा है कि वस्तुओं की कम मात्रा के पीछे ढेर सारा पैसा दौड़ता है और इस पैसे को सोखने का काम रिजर्व बैंक करता है. फिर भी सरकार कुछ नीतिगत कदमों के जरिए महंगाई को कम कर सकती है. इन्ही विकल्पों पर चर्चा के लिए पिछले दो दिनों से लगातार बैठक हो रही है.