लखनऊ: यूपी की समाजवादी पार्टी में एक फिर सियासी घमासान की सुगबुगाहट आ रही है। सूत्रों के मुताबिक समाजवादी पार्टी के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव की ओर से जारी प्रत्याशियों की सूचियां एक बार फिर चाचा-भतीजे के बीच कलह की वजह बन सकती है।
सूत्र बता रहे हैं कि विधानसभा चुनाव में उम्मीदवारों की सूची तय करने में अखिलेश यादव से राय नहीं ली जा रही है। इससे अखिलेश और रामगोपाल यादव नाराज हैं। शिवपाल ने विधानसभा चुनाव के लिए शनिवार को 23 उम्मीदवारों की सूची जारी की थी। एक और सूची जारी की गई है इसमें भी अखिलेश यादव की राय नहीं ली गई है जिसके बाद कलह बढ़ती दिखाई दे रही है। अब शिवपाल उम्मीदवारों की एक और सूची जारी करने की तैयारी कर रहे है जिसको देखते हुए दोनों खेमों में हलचल बढ़ी हुई है। शनिवार को जारी सूची में शिवपाल ने कई ऐसे चेहरों कों शामिल किया जो अखिलेश की पसंद नहीं हैं। गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी के भाई और कौमी एकता दल के वर्तमान विधायक सिगबततुल्लाह अंसारी को मोहम्मदाबाद (गाजीपुर) सीट से प्रत्याशी बनाया गया है। वह फिलहाल इसी सीट से विधायक हैं।
गौरतलब है कि कौमी एकता दल के सपा में विलय का मुख्यमंत्री ने खुलकर विरोध किया था। सूची में एक अन्य विवादित नाम अतीक अहमद का है, जिन्हें सपा ने कानपुर कैंट से प्रत्याशी बनाया है। बीएसपी विधायक राजू पाल की हत्या के आरोपी अतीक अखिलेश की काली सूची में हैं और कौशांबी की एक रैली में उन्हें मुख्यमंत्री ने मंच से उतार दिया था। फूलपुर से सांसद रह चुके अतीक 1999 से 2003 के बीच अपना दल के अध्यक्ष रहे। वहीं, उम्मीदवारों की सूची पर शिवपाल ने कहा था कि जीतने की संभावनाओं और पार्टी के प्रति निष्ठा को देखते हुए उम्मीदवारों का चयन किया गया है। सपा ने कुछ प्रत्याशी बदले हैं हालांकि पत्नी सारा सिंह की हत्या के आरोपी अमन मणि त्रिपाठी का नाम सूची में बरकरार है।