फर्रुखाबाद:सोमबार को छठ पर्व का समापन सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य के साथ हुआ। इस दौरान सैकड़ो लोगों, विशेषकर महिलाओं ने ठंड की परवाह किए बगैर गंगा की धार में डुबकी लगाई और उगते सूर्य की प्रार्थना की।
महिलाये घंटो गंगा की धारा में सूर्य के दर्शन के लिये खड़ी रही| लेकिन सुबह मौसम कोहरे सा मौसम होने के कारण सूर्य तकरीबन आधा घंटे बाद निकले तब जाकर पूजा की गयी और अर्घ्य दिया गया| और सूर्य देव को फल, घर पर बनाए गए ठेकुआ, पेड़ा, पकवान, चावल के लड्डू, कच्ची सब्जियां और मौसम की पहली फसल (गन्ना) चढ़ाया गया। सभी मीठे पकवान और फल-सब्जियां बांस की बनी टोकरी और सूप महिलाओ ने चढ़ाये पूजा करने आयी महिलायों ने बताया कि सूर्य जीवनी शक्ति के देवता माने जाते हैं और छठ के दौरान इनकी पूजा उन्नति, बेहतरी और प्रगति के लिए की जाती है। श्रद्धालुओं ने रविवार को अस्ता चलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया था।
छठ पूजा की शुरुआत ‘नहाय खाय’ के साथ हुई थी, जिस दौरान व्रतियों ने नदियों में स्नान किया था। इसके अगले दिन को ‘खरना’ संपन्न हुआ, इस दिन घरों में मीठे पकवान बना कर रिश्तेदारों और मित्रों में बांटे जाते हैं। कभी यह त्योहार बिहार तक ही सीमित था, लेकिन अब फर्रुखाबाद में भी बड़ी संख्या में छठ पूजा होने लगी है|
किला घाट फतेहगढ़ में डॉ० अनीता रंजन, राम होलिका सिंह, अनिल सिंह, महाशय, आशादेवी, राहुल कुमार, ब्रजेश सिंह, संदीप कुमार, प्रियंका कुमारी सोंमिका, योगेश तिवारी आदि लोग पूजा करने पंहुचे|