नई दिल्ली:भारत के खून के प्यासे पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए सरकार ने पूरी तरह कमर कस ली है। अब उस पर गोलियों के साथ साथ वॉटर बम से हमला किया जाएगा। वॉटर बम यानी भारत का वो प्लान जिससे पूरा पाकिस्तान रेगिस्तान में बदल जाएगा। भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ जलनीति युद्ध छेड़ा है, यानि पाकिस्तान की पानी के जरिए घेराबंदी। पाकिस्तान की इस लाइफ लाइन को काटने के लिए भारत ने जो प्लान तैयार किया है, उसके पूरा होते ही पाकिस्तान की हालत ऐसी हो जाएगी कि वो पानी बूंद-बूंद को तरसेगा।
दरअसल, पाकिस्तान के पानी की जरूरत का एक बड़ा हिस्सा भारत की पांच नदियों से पूरा होता है। सिंधु, झेलम और चिनाब से पाकिस्तान को सालाना 14 करोड़ एकड़ प्रति फीट पानी मिलता है। भारत रावी, व्यास और सतलुज से हर साल सिर्फ 3 करोड़ 27 लाख क्यूसिक पानी ही इस्तेमाल करता है, जबकि समझौते के तहत भारत 20 फीसदी पानी का इस्तेमाल कर सकता है। यानि सारे प्रोजेक्ट पूरा होने पर 13 से 14 मिलियन एकड़ फीट पानी पाकिस्तान जाने से रुक जाएगा।
भारत के कम पानी इस्तेमाल करने का सीधा फायदा पाकिस्तान को होता है। इसके बावजूद इस समय पाकिस्तान में पानी की बड़ी किल्लत है। कराची जैसे इलाकों में पानी के लिए लंबी लंबी लाइनें लगती हैं। पाकिस्तान ने आजादी के बाद से आज तक पानी की किसी भी बड़ी योजना पर काम नहीं किया। पाकिस्तान की खेती और सिंचाई का भारत की नदियों पर ही निर्भर हैं। पाकिस्तानी सरकारों ने पानी और सिंचाई की जगह मिलिट्री के बजट पर खर्च किया। जानकार तो यहां तक कहते हैं कि जब जम्मू-कश्मीर पर पाकिस्तान कब्जे के सपने सिर्फ इसलिए देखता है ताकि वो अपने देश के पानी के इस संकट को खत्म कर सके।
प्यासा मरेगा पाकिस्तान!
पाकिस्तान के मंगला और ताकबेला डैम की क्षमता कम हो गई है। पीओके में बनने वाले डैम डॉयमरबासा अधर में अटक गया है। विश्वबैंक और एडीबी बैंक ने मदद देने से मना कर दिया है। पाकिस्तान के खिलाफ भारत की ये बहुत बड़ी जीत है। इससे आने वाले दिनों में पाकिस्तान में पानी की किल्लत और बढ़ना तय है। जानकारों का कहना है कि भारत सीधे सीधे सिंधु जल संधि खत्म नहीं कर सकता है क्योंकि इससे अंतर्राष्ट्रीय बिरादरी में भारत की छवि खराब हो सकती है। यही कारण है कि भारत ने पाकिस्तान को अलग-अलग मोर्चे से घेरना शुरू कर दिया है।