नई दिल्ली: समाजवादी पार्टी में वर्चस्व की लड़ाई आज नए स्तर पर पहुंच गई। यूपी के सीएम अखिलेश ने सख्त फैसला लेते हुए अपने चाचा और वरिष्ठ मंत्री शिवपाल यादव सहित नारद राय, ओम प्रकाश, शादाब फातिमा को मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया। इन सभी को प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव का करीबी माना जाता है। साथ ही उन्होंने अमर सिंह को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि जो भी पिता-पुत्र के बीच आएगा, वो भुगतेगा।
आज अखिलेश ने पार्टी के विधायकों की बैठक अपने आवास पर बुलाई थी। इस बैठक में 100 से अधिक विधायक शामिल हुए। अखिलेश ने शिवपाल और उनके समर्थक विधायकों को इस बैठक के लिए बुलावा नहीं भेजा था।
समाजवादी पार्टी में वर्चस्व की लड़ाई आज नए स्तर पर पहुंच गई। यूपी के सीएम अखिलेश ने सख्त फैसला लेते हुए…
1- जब तक जबर्दस्ती नहीं निकाला जाएगा, समाजवादी पार्टी नहीं छोड़ूंगा।
2- खून के रिश्ते कभी अलग नहीं होते।
3- पार्टी तोड़ने की बात नहीं सोच सकता।
4- नेता जी मेरे पिता भी हैं। उन्होंने जो दायित्व दिया उसका पालन किया।
5- अमर सिंह ने परिवार और पार्टी में आग लगाई है। उनको और उनसे जुड़े लोगों को नहीं छोड़ूंगा।
6- नवंबर के कार्यक्रम में सब शामिल होंगे। जो भी पिता-पुत्र के बीच आएगा, उसे बाहर कर दिया जाएगा।
7- जो लोग अमर सिंह के साथ हैं, उनको मंत्रिमंडल में रहने का अधिकार नहीं।
8- कल नेता जी की बैठक में जाऊंगा और पांच नवंबर के कार्यक्रम में भी।
9- पिता-पुत्र के बीच में जो भी आएगा, वो भुगतेगा।
10- मैं हूं नेताजी का असली उत्तराधिकारी।
अखिलेश के इस कदम के बाद शिवपाल समर्थक भड़क गए और सड़क पर उतर आए। इन्होंने अखिलेश के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। वहीं, अखिलेश समर्थकों ने भी सीएम आवास के बाहर इकट्ठा होकर ‘अखिलेश जिंदाबाद’ के नारे लगाए। अब ये देखना बड़ा ही दिलचस्प होगा कि मुलायम और शिवपाल क्या कदम उठाते हैं?