करोड़ो का घपला: हवा में चल रहे जिले के 512 ग्राम लोक शिक्षा केंद्र

FARRUKHABAD NEWS

bsaफर्रुखाबाद: जिले में 512 ग्राम लोक शिक्षा केंद्र साक्षरता संचालित है| जिन्हें गाँवो में निरक्षर महिला और पुरुषो को साक्षर बनाने के लिये खोला गया था | लेकिन सब कुछ फाइलो में ही चल रहा है| आज भी गाँवो में लोग कोटे पर राशन लेते समय हस्तक्षर की जगह अपना अंगूठा लगाकर रहे है| सम्बन्धित बेसिक शिक्षा विभाग के बाबू और अफसर उसमे आने वाले करोंडो के वजट का बंदर बाँट करके जेबे भरने में लगे है |

बीते दिन वर्ष पूर्व से प्रारंभ किये गये जिले के ग्राम लोक शिक्षा केंद्र असल में कही है ही नही! व्यवस्था तन्त्र के हिसाब से इन केन्द्रों को संचालित करने के लिये जिला स्तर पर 5 जिला समन्वयक और व्लाक स्तर पर एक व्लाक समन्वयक की नियुक्ति की गयी थी| वही प्रत्येक ग्राम लोक शिक्षा केंद्र पर दो प्रेरको की नियुक्ति की गयी थी| सभी को लगभग 2000 हजार रुपये प्रतिमाह का मानदेय भी दिया जा रहा है| लेकिन यह प्रेरक किसे पढ़ा रहे है यह किसी को नही पता| पूरे जिले के प्रेरको का वेतन उनके बिना काम किये ही निकल रहा है| केन्द्रों संचालित करने के लिये लगभग करोंडो का वजट प्रति वर्ष विभाग के भ्रष्टाचार का शिकार हो रहा है| बीते 8 अगस्त को विश्व साक्षरता दिवस पूरे जनपद में मनाया गया था| मजे की बात यह कि इसे भी कागजो में ही मना लिया गया| किसी को इसकी जानकारी भी नही हो पायी|

जब निरक्षरों की परीक्षा होती है तो प्रेरक अपनी और अपने आका की साख बचाने के लिये पढ़े लिखे लोगो को कम निरक्षर लोगो के फ़ार्म सरकारी लाभों का फायदा दिलाने का वादा करके भरा लेते है| उन्हें यह भी बताया जाता है कि साक्षरता परीक्षा है इसमे पास होने पर प्रतिमाह सरकार से रूपये भी मिलेंगे| बीते कई दिनों पूर्व बढ़पुर व्लाक के बुढनामऊ का सामने आया था| फर्जी उपस्थित दर्शाकर घर बैठे केंद्र चलाने का विरोध करने पर 100 मीटर दूर स्थित दूसरे विधालय में केंद्र को बदल दिय गया| बीएसए ने किसी प्रकार की जाँच नही की| प्रेरक घर बैठे अपना मानदेय पा रहे है|
बीएसए से इस सम्बन्ध में बात करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने फोन नही उठाया|