झांसी: केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को उत्तर प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर सूबे की अखिलेश यादव सरकार को सवालों के कटघरे में खड़ा किया। बुलंदशहर दुष्कर्म कांड का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें अंदाजा नहीं था कि उप्र में कानून व्यवस्था की हालत इतनी खराब हो जाएगी।
झांसी में भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक का समापन करते हुए राजनाथ ने कहा कि जनता के मन में उप्र को लेकर इतने सवाल खड़े हो गए हैं कि यह अपने आप में प्रश्नों का प्रदेश बन गया है। ऐसी अराजक स्थिति क्यों है। कानून व्यवस्था बद से बदतर बनती जा रही है। पुलिस अधिकारियों पर हमले क्यों हो रहे हैं।केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को उत्तर प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर सूबे की अखिलेश यादव सरकार को सवालों के कटघरे में खड़ा किया।
राजनाथ ने कहा कि उप्र में हाईवे पर दुष्कर्म हो रहे हैं। इससे पहले इस तरह की घटनाएं नहीं सुनीं। उप्र सरकार अपनी जिम्मेदारियों से बच नहीं सकती। उसे जनता के हर सवाल का जवाब देना होगा। उप्र में भ्रष्टाचार तो संस्थागत हो गया है। उन्होंने हैरानी जताई कि उप्र में एक वर्ष में दुष्कर्म की घटनाओं में 161 फीसदी की वृद्धि हुई है। यह शर्मनाक है। ये आंकड़े स्वयं उप्र सरकार के राज्य अपराध ब्यूरो के हैं।उन्होंने कहा कि लोकपाल जैसी संस्थाओं की नियुक्ति में न्यायालयों को हस्तक्षेप करना पड़ा है। उप्र में भर्तियों में लगातार धांधली हो रही है। उप्र की सरकार अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन ही नहीं कर पा रही है। राजनाथ ने कहा कि उप्र में पिछले 15 वर्षो से सपा या बसपा की ही सरकार रही है। देश के अन्य राज्यों का इन डेढ़ दशकों में तेजी से विकास हुआ, लेकिन उप्र विकास के मामले में हाशिये पर पहुंच गया।
गृहमंत्री ने दावा किया है कि जिन राज्यों में भाजपा की सरकार है, वहां के लोग इस बात को स्वीकार कर रहे हैं कि सरकार चलाने का असली हुनर भाजपा के पास है। प्रदेश में भाजपा के पक्ष में अनुकूलता बनी है। लोग परिवर्तन चाहते हैं। उनकी उम्मीदों को भाजपा अपने पक्ष में करके पूरा कर सकती है।राजनाथ ने कहा कि पार्टी पूरी ताकत झोंक दे तो उप्र में भाजपा की सरकार बनने से कोई रोक नही सकता। उन्होंने केंद्र सरकार की ओर से चलायी जा रही आकर्षक योजनाओं को जनता में बेहतर तरीके से पेश करने के लिये कार्यकर्ताओं से गांव-गांव जाने की अपील की।
केंद्र की अति महात्वाकांक्षी प्रधान फसल योजना को लेकर उन्होंने कहा कि उप्र सरकार ने इसे लागू नहीं किया है। क्यों नहीं लागू किया है, इसका जवाब अखिलेश सरकार को किसानों को देना होगा। मोदी सरकार ने तो उप्र में दो वर्षो में ही 1364 गांवों में बिजली पहुंचा दिया है।राजनाथ ने कहा कि उप्र की सरकार केंद्र पर भेदभाव का जो आरोप लगाती है, यह सरासर गलत है। केंद्र सरकार ने उप्र में दो वर्ष के भीतर 61 हाईवे परियोजनाएं मंजूर की हैं, इन पर 16 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि उप्र हिन्दुस्तान का सबसे बड़ा राज्य है। उप्र का विकास के बिना भारत का विकास अधूरा है। उप्र के विकास के लिए कार्यकर्ताओंको भाजपा की सरकार बनाने के लिए ‘मिशन मोड’ में जुटना होगा। राजनाथ ने सवाल उठाया कि आखिर उप्र की जनता सपा और बसपा रूपी दो पाटों के बीच कब तक पिसती रहेगी?राजनाथ ने रविवार को कहा कि दूसरे दलों के नेताओं एवं कार्यकर्ताओं का रुझान भारतीय जनता पार्टी की तरफ हुआ है, जो भी जुड़ना चाहता है उसे जोड़ें। भाजपा के लिए कोई अछूत नहीं है। राजनाथ ने कहा कि उप्र को विकसित बनाने के लिए किसी भी दल का कार्यकर्ता भाजपा के साथ आना चाहता है, वह आ सकता है।