यूपी के बीटीसी प्रशिक्षुओं को योग भी सीखना होगा। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने बीएड, एमएड, डीएलएड (जो कि उत्तर प्रदेश में बीटीसी नाम से संचालित है) समेत सभी शिक्षक प्रशिक्षक पाठ्यक्रमों में इसी साल से योग अनिवार्य कर दिया है।
फर्रुखाबाद: एनसीटीई ने 24 फरवरी को ही सभी विश्वविद्यालयों के शिक्षाशास्त्र विभागाध्यक्षों, राज्य शैक्षिक प्रबंधन एवं प्रशिक्षण संस्थान (एससीईआरटी) यूपी के निदेशक, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) प्राचार्यों को इस संबंध में पत्र लिखा था।
इस क्रम में संस्था के सदस्य सचिव जुगर् सिंह ने 4 मई को लिखे पत्र में योग माड्यूल हिन्दी व अंग्रेजी में प्रकाशित होने की सूचना दी है। उत्तर प्रदेश में इस संबंध में अभी आदेश जारी नहीं हुआ है लेकिन माना जा रहा है कि बीटीसी 2015 बैच से योग की पढ़ाई शुरू हो जाएगी। योग पाठ्यक्रम में व्यक्तित्व विकास के लिए योग, तनाव दूर करने के लिए योग, स्वयं विकास के लिए योग, योग और योगाभ्यास की प्रस्तावना, योग और स्वास्थ्य, योग और शारीरिक विकास जैसी इकाइयों को शामिल किया गया है। प्रशिक्षुओं को योग के सैद्धांतिक, प्रायोगिक और इंर्टनशिप के चरणों से गुजरना होगा।
80 हजार ट्रेनी टीचर्स को करना होगा योग
बीटीसी 2015-16 बैच के 80 हजार से अधिक ट्रेनी टीचर्स को योग की पढ़ाई करनी होगी। बीटीसी की 81,800 सीटों (निजी संस्थानों की 71,300 और 63 डायट की 10,500 सीटों) पर 2015-16 सत्र में प्रवेश के लिए ऑनलाइन आवेदन लिया जा रहा है।
प्रो. पीके साहू, सदस्य एनसीटीई पाठ्यक्रम समिति व उत्तर क्षेत्रीय केन्द्र और इविवि के शिक्षाशास्त्र विभाग के वरिष्ठ प्रोफेसर के मुताबिक एनसीटीई की 2014 की गाइडलाइन के अनुसार सभी शिक्षक प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों में एक सप्ताह में कम से कम चार घंटे योग एवं व्यक्तित्व विकास की शिक्षा दी जाएगी। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के बीएड व एमएड क्लास में हमने पिछले साल से ही योग अनिवार्य कर दिया है।