हमारे समाज के बडे-बुजुर्ग अन्य लोगों की अपेक्षा ज्यादा अकलमंद और भावुक होते हैं। एक शोध में इस बात का खुलासा हुआ है। शोध के अनुसार 60 वर्ष की उम्र के बाद मनुष्य में भावनात्मक बुद्धि चरम पर होती है।
कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में 144 लोगों पर शोध किया गया। इन लोगौं पर इनकी युवावस्था और फिर जब ये 60 की उम्र के पार हो गए तब इन पर गौर किया तो पाया कि 60 के पार ये ज्यादा संवेदनशील और सकारात्मक हो गए। जिंदगी के आखिरी दिनों में सहानुभूति और सामाजिक संबंधों को निभाने की प्रवृति प्रबल हो जाती है।