फर्रुखाबाद: उत्तर प्रदेश सरकार ने आज भारतीय प्रशासनिक सेवा(आईएएस) के तीन अधिकारियों का तबादला कर दिया।
आधिकारिक सूत्रों ने आज यहां बताया कि फर्रुखाबाद के जिलाधिकारी अनुरोग पटेल को गृह विभाग में विशेष सचिव बनाया गया है। जबकि गृह विभाग में तैनात विशेष सचिव कर्ण सिंह चौहान को फर्रुखाबाद का जिलाधिकारी बनाकर भेजा गया है।फैजाबाद में तैनात सम्भागीय खाद्य नियंत्रक हीरालाल को कृषि उत्पादन आयुक्त शाखा में विशेष सचिव बनाया गया है।
सपा विधायको की नारजगी पड़ी भारी
फर्रुखाबाद। बीते दिनों एक चर्चित सपा नेता द्वारा जनपद के आला अधिकारियों की मिली भगत के चलते फर्जी बैनामा कराने का मामला जनपद के चारों विधायकों ने सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव के समक्ष उठाने पर जिलाधिकारी अनुराग पटेल को फर्रुखाबाद से हटाते हुये ग्रह विभाग लखनऊ में विशेष सचिव के पद पर तैनात कर दिया गया है। उनके स्थान पर ग्रह विभाग में विशेष सचिव कर्ण सिंह चैहान को फर्रुखाबाद का नया जिलाधिकारी बनाया गया है। लोकसभा चुनाव के बाद से फर्रुखाबाद जनपद के प्रशासनिक अमले में स्थिरता नही आ पा रही है।
इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि बीमारी कहीं और है और इलाज कहीं और किया जा रहा है। जनपद के डीएम और कप्तान के तबादलों से जनपद के चारों विधायकों की असल मंशा पूरी होने बाली नही है। यह बात सत्ता रूढ़ समाजवादी पार्टी का कार्यकर्ता से लेकर हर नेता जानता है। लेकिन प्रदेश में पूर्ण बहुमत की सरकार के काविज रहते कोई अपना मुहॅॅ खोलने को तैयार नही है। बीते दिनों तहसील दिवस में शहर की दो महिलायें डीएम और कप्तान से उनकी जमीन के फर्जी बैनामे मामले में न्याय मागंने शिकायत करने हेतु पहुॅची थी। उन्हें न्याय मिलना तो दूर उनके साथ गये लगभग तीन दर्जन के खिलाफ उल्टा मुकदमा ही दर्ज करवा दिया गया। अगर यहीं हाल रहा तो 2017 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी फर्रुखाबाद में खाता खोलने को भी तरस सकती है। लोकसभा चुनाव से लेकर अब तक सत्ता का इतना दुरूपयोग हुआ जो पिछली किसी भी सरकार में नही देखा गयां।
उन महिलाओं को न्याय दिलाने गये गांधीवादी नेता एडवोकेट लक्षमण सिंह को भी नही बक्सा गया और उन्हें भी किसी बड़े नेता के इशारे पर लपेट लिया गया। अक्सर डीएम अथवा एसपी के तबादले के बाद यह चर्चा जरूर शुरू हो जाती है कि अब बदलाव आने वाला है। मगर कुछ दिनों बाद फिर वहीं ढ़ाक के तीन पात वाली कहावत चरितार्थ हो जाती है। पूर्ण बहुमत की सरकार का एैसा नंगनाच शायद पहले कभी लोकतन्त्र में नही दिखाई दिया। हांलाकि जनपद में बदलाव के लिये फर्रुखाबाद की जनता आगामी 2017 के विधानसभा चुनाव के चलते आचार संहिता लगने का इन्तजार कर रही है। और तभी एैसा बदलाव होगा जो शायद सत्ता सीन सपाई कुनवे को बिल्कुल अच्छा नही लगेगा।