फर्रुखाबाद: (कमालगंज) थाना क्षेत्र के ग्राम जीरागौर हो हुई माँ-बेटी की हत्या और डकैती के मामले में पुलिस की जाँच अभी दो कदम भी आगे नही बढ़ सकी है| फ़िलहाल अब इस खुलासे की जिम्मेदारी नये थानाध्यक्ष अजय चौहान के सर आ गयी है| इसे कहते है की सर गंजा कराते ही ओले पड़ना| ठीक यही हालत नये थानाध्यक्ष के साथ भी हुआ है | उन्हें शायद चार्ज भी इसी शर्त पर मिला है की जीरागौर हत्या कांड का जल्द खुलासा किया जाये|
विदित है की 2 मई की रात को जीरागौर निवासी शमीम अपनी पत्नी मसवरी और 19 वर्षीय दिवांग पुत्री महरोज के साथ घर के आंगन में चारपाई पर रो रहे थे | घर की छत पर शमीम का पुत्र हसिब व 17 वर्षीय राज के साथ साथ उनके ही गाँव का 55 वर्षीय अख्तर सो रहे थे | अख्तर ने बताया की सुबह होने पर वह उठे और जीने से नीचे आये| उन्होंने शमीम को चारपाई से नीचे गिरा पाया| जब उन्होंने पास जाकर देखा तो शमीम गम्भीर हालत में सांसे गिन रहा था और मसवरी और 19 वर्षीय दिवांग पुत्री महरोज को भी मौत के घाट उतार दिया गया था|
घटना वाले दिन ही डीआईजी नीलाब्जा चौधरी ने मौके पर जाकर घटना एस्थल का निरीक्षण किया था| उसके बाद तत्कालीन थानाध्यक्ष सालिगराम वर्मा, अपर पुलिस अधीक्षक रामभुवन चौरसिया, सीओ अमृतपुर कालूराम दोहरे को पांच दिन के भीतर घटना का अनावरण करने के लिये कहा था| उसके बाद जनपद आये आईजी जकी अहमद ने भी घटना स्थल का निरीक्षण कर पुलिस अधिकारियो को घटना का जल्द खुलासा करने के निर्देश दिये थे| लेकिन अभी पांच दिन गुजर जाने के बाद भी पुलिस अभी हवा में ही लाठी चला रही है| बीते दिन पुलिस ने कुछ खाना बदोश परिवार के कुछ लोगो को पकड़ा था| जिनसे कन्नौज पुलिस ने भी पूंछतांछ की थी | लेकिन कोई नतीजा हासिल नही हुआ| शनिवार को पांच दिन का समय समाप्त हो गया|
सीओ अमृतपुर कालू राम ने बताया की जाँच चल रही है| जल्द खुलासा किया जायेगा|