नई दिल्ली: सरकारी विज्ञापनों में नेताओं की तस्वीर की गाइडलाइंस पर सुप्रीम कोर्ट ने आज बड़ा फैसला दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और मुख्य न्यायाधीश के अलावा राज्यपालों, मुख्यमंत्रियों और कैबिनेट मंत्रियों की तस्वीरों को भी विज्ञापनों में छापा जा सकता है। कोर्ट ने यह फैसला राज्यों और केंद्र की तरफ से रिव्यू पिटीशन पर दिया।
इससे पहले, बीते साल के अपने ऐतिहासिक फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि सरकारी विज्ञापनों में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मुख्य न्यायाधीश के अलावा किसी और की तस्वीर इस्तेमाल नहीं की जा सकती। उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल और असम की सरकारों ने इस फैसले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी। इन राज्यों का कहना था कि सरकारी विज्ञापनों में राज्यपाल, मुख्यमंत्री और मंत्रियों की तस्वीर के इस्तेमाल की इजाजत होनी चाहिए।
सरकारी विज्ञापनों में नेताओं की तस्वीर की गाइडलाइंस पर सुप्रीम कोर्ट ने आज बड़ा फैसला दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और मुख्य न्यायाधीश के अलावा…केंद्र सरकार और तमिलनाडु सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतहगी ने कहा कि सरकारी विज्ञापन में जो बात लिखी गई होती है देश में तमाम लोग या ता उसे पढ़ नहीं सकते या फिर उसपर ध्यान ही नहीं देते। मंत्रियों या मुख्यमंत्रियों की तस्वीर लोगों का ध्यान विज्ञापन की तरफ खींचती है।