साल 2010 के दौरान मिलाजुला कर पूरे साल ही आम लोगों पर महंगाई ने खूब सितम ढ़ाया है। और माना जा रहा है कि नया साल यानी 2011 भी महंगाई की ही सौगात लेकर आने वाला है। पेट्रोल महंगा हो चुका है। सब्जियां भी आम लोगों की पहुंच से बाहर हो चुकी हैं। और माना जा रहा है कि आने वाली 30 तारीख को डीजल और रसोई गैस की कीमत में भी इजाफा हो जाएगा।
इन तमाम चीजों के साथ ही नकदी की कमी और ऊंची महंगाई दर के कारण अगले साल कर्ज और महंगा हो सकता है। यह कहना है देश के प्रमुख उद्योग चैंबर एसोचैम का। ऐसोचैम के मुताबिक महंगाई अभी और बढ़ेगी। ऐसे में रिजर्व बैंक अगले महीने की 25 तारीख को पेश होने वाली मौद्रिक नीति की तिमाही समीक्षा में प्रमुख दरें बढ़ा सकता है।
एसोचैम के अध्यक्ष दिलीप मोदी ने उम्मीद जताई कि अगली मौद्रिक समीक्षा में आरबीआइ कड़ा रुख अपना सकता है। कर्ज में हो रही तेज वृद्धि के कारण पूंजी पर दबाव का माहौल बन रहा है। वर्ष 2011 के दौरान इस वजह से नकदी की कमी हो सकती है।