ग्राम पंचायत अलीगढ: विकास की कसक पूरी करने के लिए दुबारा प्रधानी चाहिए

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Susheel-varma-aligarh-mohadफर्रुखाबाद: अमृतपुर तहसील की ग्राम पंचायत अलीगढ मोहद्दीनपुर हिन्दू मुस्लिम आबादी सम्मिलित आबादी वाला ग्राम पंचायत है| चुनावी गणित बैठाने के लिए दोनों धर्मो के वोटरो की अंकगणित को लेकर जो चुनावी मैदान में नहीं उतरा उसका सूफड़ा ही साफ़ हो गया| जाती के हिसाब से पिछड़े वर्ग की बहुलता के कारण इस पंचायत पर ज्यादातर पिछड़े वर्ग का ही कब्ज़ा रहा| वर्तमान में आलू आढ़ती एवं धान मिल व्यापारी सुशील वर्मा गाँव के प्रधान है और उनका दावा है कि वे ग्राम पंचायत के विकास कार्य पूरी ईमानदारी से कराते है| वहीँ विपक्षियो का आरोप है कि सुशील वर्मा बड़े व्यापारी होने के कारण ग्राम पंचायत में बहुत काम समय देते है|

वर्तमान सुशील वर्मा का कहना है कि उनके पिछले प्रधानो ने मुस्लिम आबादी को अनदेखा कर रखा था लिहाजा उन्होंने प्रधान बनने के बाद मुस्लिम आबादी में ध्यान दिया और भरपूर विकास कार्य कराये| नाली व् सड़के बनबाई| हालाँकि गाँव अभी भी विद्युत व्यवस्था से रोशन नहीं है| ग्रामीणो का रूप है कि विकास कार्य कराते समय जहाँ जहाँ भी विवाद की स्थिति आई प्रधानजी ने काम रुकवा दिया और वहां काम अधूरा ही पड़ा रहा| इस पर सुशील वर्मा का कहना है कि वे विवाद बढ़ाने की जगह सुलझाने के पक्ष में रहे और स्वीकार किया कि विवाद होने की स्थिति में काम रुका|

रामपाल, रामबाबू, मेराज अली, रेजुल अनीश के घर के सामने नाली व् सड़क विवाद होने के कारण नहीं बन सका| लिहाजा बनी हुई सड़क बेकार ही रही| पंचायत घर जाने के लिए रास्ता नहीं है| पिछले कार्यकाल में बना पंचायत घर जर्जर स्थिति में पहुंच गया है| पंचायत घर का कोई इस्तेमाल भी नहीं होता| वर्तमान प्रधान पर आरोप है कि उन्होंने विरोधियो के इलाके में विकास कार्य नहीं कराया| वहीँ प्रधान सुशील वर्मा का कहना है कि ये आरोप निराधार है| पंचायत में जितना पैसा आया उन्होंने विकास कार्य प्राथमिकता के तौर पर कराया| उनका कहना है वे व्यापार करते है और इनकम टैक्स देते है| वे ग्राम पंचायत के पैसे से अपना घर नहीं चलाते| दुबारा प्रधान क्यों बनाना चाहते है के सवाल पर सुशील का कहना है गाँव में अभी भी विकास की जरुरत है और वे अपने गाँव को आदर्श गाँव के रूप में चमकना चाहते है इसीलिए प्रधान बनाना चाहते है|