RTE के खिलाफ निजी स्कूल, गरीबों को नहीं देगें कोटा

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शिक्षा का अधिकार कानून के खिलाफ निजी स्कूल एकजुट हो गए हैं। उन्होंने ऐलान किया कि वे किसी भी हालत में आरटीइ के तहत 25 फीसदी गरीबी कोटा लागू नहीं करेंगे। सरकार ने जबरदस्ती की तो स्कूल बंद कर चाबी सरकार को सौंप देंगे। देश भर के निजी स्कूल के प्रतिनिधि इंडिया इस्लामिक सेंटर में शुक्रवार को आयोजित पंचायत में आरटीइ के तहत लागू 25 फीसदी गरीबी कोटे पर बोल रहे थे।

सरकार पर बरसे स्कूल प्रबंधकनिजी स्कूल के प्रबंधकों ने कहा कि सरकार गरीब बच्चों को शाम की शिफ्ट में पढ़ाने की व्यवस्था करे। इसके लिए स्कूल संसाधन व भवन भी देने को तैयार है। लोगों को शिक्षित करने की जिम्मेदारी सरकार की है और सरकार को चाहिए कि अपने स्कूलों की संख्या, उसकी क्षमता, व्यवस्था बेहतर सुविधा उपलब्ध करवाए। बीते दस सालों से दिल्ली में दस फीसदी स्कूल नहीं खुले हैं। उन्होंने सवाल किया कि आखिर केवल निजी स्कूलों के भरोसे सरकार आरटीइ क्यों लागू करना चाहती है?

दो सत्रों में आयोजित इस कार्यक्रम का शुभारंभ केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद ने किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा शुरू की गई कोई भी योजना खराब नहीं होती है। अगर इससे परेशानी है तो स्कूल अपना पक्ष रखने का हकदार हैं।