लैला के कमरे में साँसे तेज करते पकड़ा गया मजनू फिर तो…..

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majnooफर्रुखाबाद: दोनों भागने की फिराक में थे| घरवालो को खबर लग गयी तो बुलबुल कैद कर कमरे में बंद कर दी गयी| दोनों का प्यार आग वरपा रहा था| मगर मिलन की तड़प कब सक सहे| दीवाना रात को छत के सहारे बुलबुल के कमरे में उसे पंहुचा तो आजाद करा कर रफूचक्कर होने के लिए मगर इसी बीच न जाने क्या सूझ गयी| दोनों ने भागने से पहले प्यास बुझाने की सोची और तेज आहो से घरवालो की नींद में खलल पड़ गया फिर क्या था| मजनू पर सुबह होने तक …….|

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ये बिल्कुल फ़िल्मी कहानी है जो फर्रुखाबाद के कादरी गेट पर देर रात घट गयी| बात जंगल की आग की तरह फैली तो मोहल्ले वालो में भी दीवाने को पत्थर मारे| उधर बुलबुल जो सैयाद से आजाद होते होते रह गयी बस इतना ही कह सकी- कोई पत्थर से न मारो मेरे दीवाने को| फिलहाल मजनू के दिल का हाल तो किसी ने न पूछा हवालात में मच्छर को चूसने के लिए ठूंस दिया गया| खबर लिखने तक पुलिस को तहरीर का इतजार था|…