पुलिस ने मुहं की खायी, तमंचा कारतूस सहित पकड़े गये लेखपाल को दबाव में कोतवाली से दी जमानत

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FARRUKHABAD : बीते मंगलवार की शाम शहर कोतवाली क्षेत्र के तिकोना चौकी के सामने खिमशेपुर के लेखपाल को तमंचा कारतूस सहित पकड़ लिया था। लेकिन उसके समर्थन में उतरे लेखपालों के दबाव में पुलिस को मुहं की खानी पड़ी और पुलिस ने आरोपी लेखपाल को कोतवाली से ही जमानत दे दी।

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बजरिया हरलाल निवासी लेखपाल प्रभात कुमार सक्सेना को तमंचा कारतूस सहित पिकेट ड्यूटी पर तैनात सिपाहियों ने धर दबोचा था। जिसके बाद उसे कोतवाprabhat lekhpalली ले जाया गया। लेखपाल को पुलिस द्वारा पकड़ने की सूचना मिलते ही कई लेखपाल प्रवेश तोमर, सोवरन सिंह, बलबीर सिंह, राजेश शुक्ला, संजय सिंह, अजीत द्विवेदी आदि कई लेखपाल कोतवाली पहुंचे। कोतवाल रूम सिंह यादव से पकड़े गये लेखपाल प्रभात को छोड़ने की बात कही। लेखपालों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने फर्जी तरीके से तमंचा लगाकर गिरफ्तार किया है। उसे तत्काल छोड़ दिया जाये नहीं तो लेखपाल आंदोलन पर उतारू हो जायेंगे। लेखपालों का दबाव कोतवाली में बढ़ता देख कोतवाल ने उच्चाधिकारियों को सूचना दी। तकरीबन 10 बजे सिटी मजिस्ट्रेट प्रभुनाथ, अपर पुलिस अधीक्षक ओपी सिंह, क्षेत्राधिकारी नगर योगेन्द्र कुमार सिंह के अलावा फतेहगढ़ कोतवाल जितेन्द्र सिंह परिहार, महिला थानाध्यक्ष सुभद्रा वर्मा, मऊदरबाजा थानाध्यक्ष चन्द्रदेव यादव भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच गये।

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पूरी कोतवाली को अच्छी खासी छावनी में तब्दील कर दिया। उधर लेखपाल हिरासत में लिये गये अपने साथी प्रभात सक्सेना को छुड़ाने के लिए आंदोलन की चेतावनी दे रहे थे। अपर पुलिस अधीक्षक व सिटी मजिस्ट्रेट के साथ कोतवाली में ही लेखपालों की वार्ता शुरू करायी गयी। इस बीच कई बार लेखपाल प्रशासन व पुलिस के आला अधिकारियो के सामने उग्र हुए और कक्ष से बाहर निकल आये। कई चरणों में हुई वार्ता में तमंचा व कारतूस बरामदगी को लेकर उठापटक मची हुई थी। लेखपाल अपने साथी पर फर्जी तमंचा लगाने की बात कह रहे थे। वहीं पुलिस का कहना था कि लेखपाल के पास तमंचा व कारतूस बरामद हुए।

मामले की पुष्टि के लिए अपर पुलिस अधीक्षक ने तिकोना चौकी के दोनो सिपाहियों को जानकारी के लिए लेखपालों के सामने बुला लिया। जो सिपाही लेखपाल को तमंचा कारतूस सहित लेकर आये थे। सिपाहियों ने भी इस बात की पुष्टि कर दी कि तमंचा व कारतूस लेखपाल के पास से ही मिले व लेखपाल वियरशाप से ही आगे पीछे अपनी कमर में घुसेड़ रहा था। सिपाहियों के वयान के बावजूद भी अपर पुलिस अधीक्षक व अन्य अधिकारियों ने लेखपालों के सामने घुटने टेक दिये। लेखपाल कोई आम आदमी तो था नहीं, वैसे भी पुलिस का वयान तो अदालत तक नहीं मानती तो आलाधिकारी नहीं मानते। अपने ही कर्मचारियों की बात और बेइज्जती दोनो को नजरंदाज कर दिया गया था। जिससे पूरे शहर कोतवाली के पुलिस कर्मियों में रोष व्याप्त हो गया है।

उधर लेखपाल के पास से पकड़े गये तमंचे व कारतूस की लिखापढ़ी भी शुरू हो चुकी थी लेकिन जब ज्यादा दबाव पड़ा तो पुलिस आखिर घुटनों पर आ गयी। देर रात पुलिस ने तमंचा कारतूस को नजरंदाज कर लेखपाल को छोड़ दिया।

इस सम्बंध में क्षेत्राधिकारी नगर योगेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि लेखपाल प्रभात सक्सेना को नशे की हालत में उपद्रव करने के मामले में चालान कर कोतवाली से ही जमानत दे दी गयी।