फर्रुखाबाद: तहसील में आय, जाति और निवास प्रमाण पत्र बनबाने में 1 करोड़ की घूस की खबर के बाद तहसीलदार सदर राजेंद्र चौधरी ने जेएनआई से कहा है कि जनता मुझे घूसखोरी के सबूत दे, वे कार्यवाही करेंगे| उन्होंने कहा कि उनकी जानकारी के अनुसार घूस नहीं ली गयी| प्रमाण पत्रों को जारी करने का काम बहुत ही ईमानदारी से हुआ है|
राजेंद्र चौधरी ने कहा कि उन्होंने रात दिन एक करके काम किया| दिन में मैनुअल प्रमाण पत्र जारी किये तो रात रात भर ऑनलाइन प्रमाण पत्र जन सूचना केन्द्रों के जारी किये| उनके संज्ञान में एक भी मामला गड़बड़ी का नहीं है|
मगर तहसीलदार सदर इस बात का कोई जबाब नहीं दे पाए कि मैनुअल प्रमाण पत्र 36000 हजार की आय से ज्यादा के क्यूँ नहीं है जबकि जन सेवाकेन्द्रों के आय प्रमाण पत्र अधिकांश 36000 वार्षिक आय से ज्यादा के रहे| सैकड़ो उन आवेदको ने दोनों जगह से अलग अलग आय के प्रमाण पत्र कैसे बनबा लिए| एक ही बाप की दो बेटियो के बने आय प्रमाण पत्रों में पिता की अलग अलग आय कैसे लिखी गयी? आवेदको को निवास प्रमाण पत्र तो जारी किया गया मगर उसी आवेदक का आय प्रमाण पत्र पर लेखपाल रिपोर्ट लगा गया- आवेदक इस पते पर नहीं रहता है? कमालगंज और मोहम्दाबाद में तहसीलदार के हस्ताक्षर से जारी हुए प्रमाण पत्रों के रजिस्टर पर चढ़े आय प्रमाण पत्र फर्जी थे या असली माने जायेंगे? सवाल एक नहीं सैकड़ो है जिनका जबाब अब राजस्व कर्मिओ और अधिकारिओ को अदालत में देना पड़ेगा, क्यूंकि आम जनता का भरोसा मुथु स्वामी के जाने के बाद एक भी अधिकारी पर नहीं है और जागरूक लोगो ने मामले को अदालत में दर्ज कराने की तयारी शुरू कर दी है|
पिछले कई दिनों से दर्जनों की संख्या में लेखपालो की शिकायत के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं हुई अलबत्ता अधिकारिओ ने तहसील दिवस में ही शिकायत करता को झिड़क कर चलता कर दिया| नगर के ही लेखपालो की दर्जनों शिकायत हुई है| अब जनता भी समझ गयी है कि शिकायत से कोई फायदा नहीं| ऊपर से लेकर नीचे तक सब एक ही बोली बोलेंगे| जनता को ही दोषी साबित कर उल्टा बताएँगे| अलबत्ता कुछ जागरूक लोग सबूत लेकर कचहरी में मामला अदालत में घसीटने की तयारी में लग गए है| आने वाले चंद दिनों में तहसील में हुआ ये भ्रष्टाचार अदालत में सनसनी फैलाने वाला है|