“नुख्ता चीनी है ग़म-ए-दिल उसको सुनाये न बने
क्या बने बात जहां बात बनाए न बने।
इश्क पर जोर नहीं है ये वो आतिश ग़ालिब
की लगाए न लगे बुझाए न बुझे“
आज कुछ इसी अंदाज में शुरू हुआ आमिर खान शो सत्यमेव जयते जहां आज बात की गयी प्यार और प्यार के बीच में आने वाले परिवार की जो प्यार पर हावी हो जाता है जहां परिवार समाज की लोक लाज के डर से दो प्यार करने वालों का विरोध करता हैं।
अगर किस्मत अच्छी रही तो आशिक को उसकी माशूका से अलग कर दिया। जाता है या कभी कभी ये विरोध इतना भयानक हो जाता है जब या तो आशिक या फिर माशूका अपनी जान से हाथ धो बैठते हैं ऐसा भी देखने को मिलता है की अपनी झूटी शान एक लिए परिवार दो प्यार करने वालों को मौत के घात उतार देता है।
अक्सर ही हमारे सुनने में आता है की कहीं भाई ने बहन और बहनोई की हत्या कर दी। या फिर लड़की के पिता ने अपने रसूख के बल पर लड़के को उठवा लिया हो। हमारा समाज हमेशा ही प्यार का दुश्मन है। आपने बॉलीवुड फिल्म दिल जरूर देखी होगी जहां फिल्म में अभिनय किया था।
शो के होस्ट आमिर खान ने जिसमें फिल्म की हिरोइन थी माधुरी दीक्षित फिल्म में अनुपम खेर यानी हजारीलाल आमिर के पिता की भूमिका में थे जहां वो आमिर और माधुरी की शादी का विरोध करते नजर आये लेकिन आखिरकार फिल्म के अंत में उन्होंने अपने बेटे और बहु को स्वीकार कर लिया।
वो एक फिल्म थी फिल्म की एन्डिंग हमेशा अच्छी होती है रील लाइफ और रियल लाइफ में बहुत फर्क है यहां ऐसा नहीं होता । यहां हमेशा ही समाज और परिवार प्यार करने वालों का दुश्मन रहा है। शो में आमिर ने लोगों को यही सन्देश दिया की प्यार एक एहसास है ये बस हो जाता है। प्यार धर्म मज़हब जात पात नहीं देखता।