फर्रुखाबाद: मजबूरी व्यक्ति से क्या नही कराती| फिर चाहे वह जेल की सलाखे ही या अस्पताल का बैड भरतीय महिलाये अपने रीतिरिवाज हर जगह कायम ही रखती है| जिसके लिये चाहे उन्हें कितनी भी घोर तपस्या करनी पड़ी|
लोहिया अस्पताल के करवाचौथ पर दर्जनों ,महिला मरीज भर्ती थी| किसी को कुछ समस्या तो किसी को कुछ लेकिन अपने दर्द भुलाकर अपने पति की उम्र की कामना करने में किसी भी प्रकार से पीछे नही दिखी| कई महिलाये तो अस्पताल में ही पहले सजी और उसके बाद चाँद का दीदार मजबूरी में अस्पताल के बैड से ही किया| देखने वालो की आँखों में अनायास ही आंसू दिखे| महिला ने अपने बैड से चाँद को अर्घ्य दिया और फिर पति के हाथो से जल पीकर अपना व्रत तो दिया| चाँद से अपने पति की लम्बी उम्र की कामना की|