फर्रुखाबाद: सरकार ने लाख बैंके खोल दी हो| लेकिन आज के दौर में भी सूदखोरों का धंधा मजे से फलफूल रहा है| लेकिन पैसे और रौब के आगे कोई कुछ बोलने को तैयार नही और ना ही विरोध करने के| पुलिस का आलम यह है की यदि एसपी साहब जनपद में ना हो तो शायद वह मुंह भी ना धोये| दबंग सूदखोर लेखापाल बीते कई वर्षो से एक दलित परिवार का खून पी रहा है| बच्चे एक जून की रोटी के लिये दर- दर भटक रहे है और लेखपाल की जरीब की लम्बाई बढती ही जा रही है| जिससे दलित परिवार अब आत्महत्या करने तक की सोच रहा है|
बीते दो दिन से शहर कोतवली क्षेत्र के मोहल्ला अंगूरीबाग निवासी राज किशोर कोरी पुत्र रामस्वरूप कोरी अपनी पत्नी व बच्चो के साथ पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार पी से मुलाकात करने का प्रयास कर रहा है लेकिन एसपी जनपद में ना होने के कारण उसके हाथो केबल मायूसी ही आ रही है| पीड़ित राजकिशोर ने बताया कि उसने मोहल्ले के ही एक लेखापाल माधव सिंह यादव से बीते चार वर्ष पूर्व 15 हजार रुपये चार प्रतिशत के व्याज पर लिये थे| इसके बाद धीरे-धीरे करके उसे 25 हजार रुपये वापस भी कर दिये| लेकिन लेखपाल अब उससे तकरीबन दो लाख रुपये और मांग रहे है| जब राम किशोर ने यह पैसा देने से मना किया तो बीते 10 सितम्बर को एक बार फिर लेखपाल माधव सिंह ने उससे रुपये का द्गादा किया और जब उसने रुपये देने से मना किया तो जमकर उसे पीट दिया|
पीड़ित दलित ने कहा है कि रूपये तो उसके पास देने को बचे नही इस लिये सूदखोर लेखापाल उसकेमकान का बैनामा कराने पर तुला है| राजकिशोर के चार मासूम बच्चे है| मजे की बात यह है की दलित रामकिशोर जब कोतवाली व घोडा नखास चौकी गया तो उसे यह कहकर पुलिस ने टरका दिया की पहले एसपी से आदेश कराकर लाओ फिर कार्यवही करेगे| पुलिस या तो रुपयों पर चलती है और या अधीकारी की फटकर से लेकिन दलित रामकिशोर के पास पुलिस को देने के लिये कुछ नही है|
खबर प्रकाशित होने के बाद सक्रिय हुये कांग्रेस नेता डॉ दिनेश अग्निहोत्री ने बताया की पूरी कांग्रेस गरीब के साथ है| शुक्रवार को जिलाधिकारी को राम किशोर के साथ जाकर बात की जायेगी| उसे न्याय दिलाया जायेगा|